Lalitpur Solar Energy Project
इस ऐतिहासिक अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदर्यराजन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी एवं केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री, जी. किशन रेड्डी एवं भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आर. के. सिंह भी महारानी बाग, नई दिल्ली में पावरग्रिड सबस्टेशन से आदिलाबाद, तेलंगाना में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल हुए।
Lalitpur Solar Energy Project :- टीएचडीसी एवं यूपीनेडा का संयुक्त उद्यम टुस्को लिमिटेड इस उल्लेखनीय प्रयास का नेतृत्व कर रहा है, जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के दोहन के राष्ट्र के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। आधारशिला रखे जाने के साथ, यह परियोजना नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति और नवाचार का प्रतीक बनने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के विकास से देश के विकास का मंत्र दोहराया। उन्होंने कहा कि बेहतर अर्थव्यवस्था से देश की प्रगति में भरोसा बढ़ता है साथ ही निवेश होने से राज्यों को भी लाभ होता है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की उच्च विकास दर को लेकर वैश्विक चर्चा का भी उल्लेख किया क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था ही एक मात्र ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसने पिछली तिमाही में 8.4 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि “इस विकास दर के साथ, भारत शीघ्र ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा”, साथ ही कहा कि इससे तेलंगाना की अर्थव्यवस्था भी उच्च विकास दर को प्राप्त करेगी ।
आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल एवं अध्यक्ष, टुस्को ने आधारशिला कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया साथ ही कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने के राष्ट्र के संकल्प में 600 मेगावाट संस्थापित क्षमता वाली यह परियोजना न केवल ललितपुर में बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश राज्य में ऊर्जा परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए तैयार है।
Lalitpur Solar Energy Project :- 3000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाला यह सोलर पार्क लगभग 2700 एकड़ भूमि में संस्थापित किया जाएगा। 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना से सालाना 1200 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होने का अनुमान है, जो राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं में महत्वपूर्ण योगदान देगा। परियोजना का सबसे उल्लेखनीय लाभ इसका पर्यावरणीय प्रभाव है। 25 वर्षों की अवधि में, ललितपुर में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से लगभग 21.6 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है, जो जलवायु परिवर्तन को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।