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हरीश कंडवाल मनखी की कविता ‘चल मुसाफिर चल’

हरीश कंडवाल मनखी की कलम से मॉ के गर्भ में नौ माह का किया सफर, मिला मुझे मॉ का सबसे पहले प्यार जन्म लेते ही रोने से...

कविता ‘मशगूल’ हरीश कंडवाल मनखी की कलम से

मशगूल वो अपनी दुनिया में मशगूल हो गए उनकी एक झलक देखने को बेताब हो गए कभी घण्टो तक गुप्तगू होती थी उनसे आज एक लफ्ज सुनने को...

हरीश कंडवाल मनखी कलम बिटी कविता : गुठलू

गुठलू मि भी छ्यायी कै जमन मा गुठलू कान्ध मा टाटू ,मुंड मा धरि पल्लू मूँगरू ठुकीन टैल टँगवनी कील तँझला द्वी ज्वाळ पल्लू मुड़ीन रैन बखरा।। बरखा दिन...
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हर्षिता टाइम्स। ऋषिकेश। जिलाधिकारी सोनिका एवं महानिदेशक सूचना/उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने संयुक्त रूप से त्रिवेणी घाट का एवं त्रिवेणीघाट से नटराज चौक तक देहरादून...

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शिक्षा विभाग और डीसी के बीच एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

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