उत्तराखंड

एस एफ़ आई ,डी वाई एफ़ आई व ऐडवा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा

Written by admin

देहरादून 07 जून, 21 : जनवादी संगठनों ने जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से 8 मांगो को लेकर मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन भेजा। एस एफ़ आई के राज्य सचिव हिमांशु चौहान ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए तीनो संगठन से दो दो नेतृत्वकारी को ही इस कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। हिमांशु चौहान ने बताया कि जैसा कि सर्वविदित है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के विकराल रूप के चलते आमजनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है । हमारे राज्य उत्तराखंड में भी इस महामारी का बहुत बुरा असर देखने को मिल रहा है ,हज़ारों लोग इस महामारी के कारण असमय अपना जीवन खो चुके हैं। साथ ही कोरोना से इलाज हो जाने के बाद भी लोग ब्लैक फंगस जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसे में इस बीमारी से बचने का एक सबसे कारगर तरीका टीकाकरण ही हो सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा ने कहा कि हमारे राज्य उत्तराखंड में टीकाकरण, जो कि बहुत धीमी गति से चल रहा है,और दूसरी लहर के बाद इसकी महत्ता अब और ज्यादा हो गयी। हमारे राज्य में 45 वर्ष से ऊपर की आयु के लिए यह टीकाकरण मार्च महीने में ही शुरु हो गया था और 18 से 44 वर्ष की आयु के लिए यह 10 मई से शुरू हुआ। 26 मई 2021 को कैबिनेट मीटिंग के बाद में आप के द्वारा घोषणा की गई थी कि राज्य में 18 से 44 वर्ष की आयु के हर व्यक्ति को मुफ्त वैक्सीन लगेगी। लेकिन वर्तमान में हमारे राज्य में 2 प्रकार के टीका केन्द्र हैं| एक हैं “free” दूसरे हैं “paid” ऐसे वक्त पर हमारे राज्य में फ्री केंद्रों पर वैक्सीन ना के बराबर है, वहीं ऐसे केंद्र जिनमें पैसे चुकाए जाने हैं (Paid) उनमें हज़ारों की संख्या में वैक्सीन उपलब्ध है।जिस कारण ऐसी स्थिति बन गयी है कि सरकार के टीकाकरण केन्द्र एकदम ठप्प पड़ गये है और सिर्फ पैसे चुकाने में समर्थ लोग ही वैक्सीन लगवा पा रहे हैं। जिस कारण टीके की प्रतिक्षा में लगे आवादी के बहुत बडे़ हिस्से में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है ।
जनवादी महिला समिति की उपाध्यक्ष इंदु नोडियाल ने कहा कि हमारे राज्य में वर्तमान में 18 से 44 वर्ष की आयु का टीकाकरण ठप्प पड़ चुका है। सरकारी वैक्सीनेशन केंद्रों में 18+ आयु का वैक्सीनेशन बिल्कुल बंद है वहीं प्राइवेट केंद्रों में प्रतिदिन औसतन 3000 डॉज से ज्यादा लग रहे हैं। यह भी सिर्फ वह आंकड़े हैं जो साइट पर दर्ज हैं। ऐसे और भी केंद्र हैं जो स्वतः ही टीकाकरण कर रहे हैं और वह साइट पर दर्ज नहीं हैं जिन्हें किसी न किसी रूप में सरकारी संरक्षण प्राप्त है। टीकाकरण की दुर्दशा तो यह है कि चमोली जिले में 31 टीका केंद्र जिनमें से कहीं भी 18+ का वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है, पूरे उत्तरकाशी जिले में मात्र 15 वैक्सीनेशन केंद्र चल रहे हैं। पौड़ी और टिहरी जिले तो ऐसे हैं जिनमे आज की तारीख में सिर्फ 3 के करीब वैक्सीनशन केंद्र चल रहै हैं। इसी प्रकार सीमांत जिले पिथौरागढ़ में मात्र दो वैक्सीनेशन केंद्र चल रहे हैं। सबसे ज्यादा वैक्सीनशन केंद्र देहरादून में चल रहे हैं जिसमे 74 सरकारी और 8 प्राइवेट केंद्र हैं। इन सब में सरकारी केंद्रों में 18+का टीकाकरण शून्य है और प्राइवेट केंद्रों में कुल मिलाकर 3000 से ज्यादा टीके तक लग रहे हैं। जिसका बडा़ हिस्सा मैक्स अस्पताल के पास है। हमारे राज्य की 18 से 44 साल के लोगों की संख्या 66 लाख की है और अभी तक(6 जून) 5,56,902 लोगो को टीका लगा है इस गति से अगर टीकाकरण चलता रहा तो पूरे राज्य के युवाओं को मात्र पहली डॉज लगाने में ही 1 साल से ज्यादा का वक्त लग जायेगा। संगठनों के वक्ताओं ने बताया कि उसके बाद दूसरे डोज के पश्चात पूर्ण वैक्सीनेशन के लिए और भी लंबा वक्त लगेगा।
मान्यवर ,यह पढ़ने वाले छात्रों और नौकरी पेशा युवाओं के लिए बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि बिना टीके के वो अपनी सामान्य दिनचर्या शुरू नहीं कर पाएंगे। कैंपस और कार्यक्षेत्र में संक्रमण का भारी खतरा रहेगा। साथ ही पिछले 10 दिनों से जो वैक्सीनेशन 18+ से 44 साल के लोगों का चल रहा है वह अधिकांश प्राइवेट केंद्रों में हो रहा है जिसमें जनता से मोटा पैसा यानि 1100 रूपया प्रति टीके का लिया जा रहा है, कहीं कहीं यह राशि 1400 रुपये तक भी है। निजी केंद्र पिछले 10 दिनों में ही लगभग 5 करोड़ से भी अधिक की कमाई कर चुके हैं। ऐसे में मुफ्त टीकाकरण का वादा झूठा साबित हो रहा है। यहाँ तक आज भी टीकों का अनियंत्रित दामों पर बिकना जारी है।
बीते दिनों जब मुफ्त टीकाकरण चल रहा था तब विभिन्न मुफ्त स्लोटों पर भारी ट्रैफिक होने के कारण बहुत से लोग स्लॉट बुक करवाने से चूक गया इनमें वो लोग भी थे जो स्मार्ट फ़ोन नहीं चला सकते हैं या फिर ऐसे इलाकों में रहते हैं जहाँ नेटवर्क नहीं है इसलिए ऐसी व्यावस्था होनी चहिये ताकि व्यक्ति टीका केन्द्र जाकर सीधा टीका लगवा सके। इस प्रकार की व्यवस्था तो है पर सरकार ने ऐसा खुले तौर पर अभी घोषित नहीं किया है। इसलिए वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाते हुए सरकार को डिजिटल और टेक्नोलॉजी का उपयोग न करने वाले लोगों को विश्वास में लेना चिहिये।
राज्य के छात्र और युवा अब कोरोना की दूसरी लहर के नीचे चले जाने के बाद अपने कैंपस और कार्यक्षेत्र की तरफ लौटेंगे। पहले ही उनके ऊपर पिछले 2 साल से ठप्प पड़े काम का भारी बोझ है। ऐसे में उनका जल्द से जल्द टीकाकरण किया जाना चाहिए। साथ ही जैसा कि उनके साथ वादा किया गया था उनका टीकाकरण मुफ्त करवाया जाना चाहिए।

मुख्य मांगे :-
1. सरकार द्वारा जनता से किये गए वादे “सभी के लिए फ्री टीकाकरण को अमल में लाया जाए ।
2. 18 वर्ष से 44 वर्ष के बीच के ठप्प पड़े मुफ्त टीकाकरण को अविलंब शुरू किया जाए।
3. 400 से अधिक मुफ्त सरकारी केंद्रों पर भी उसी मात्रा में टीकाकरण किया जाए जिस मात्रा में 12 निजी केंद्रों में हो रहा है।
4. टीके की कालाबाज़ारी और अप्रत्याशित कीमतों पर रोक लगाई जाए और अपराधियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
5. टीका केन्द्र पर पहुंचकर पंजीकरण की व्यवस्था को हर सरकारी केंद्र पर लागू किया जाए।
6. पृथक हिमालयी छेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर तक टीकाकरण को ले जाया जाए।
7. सरकारी टीका केंद्रों पर हर व्यक्ति को टीके के बाद कि जरूरी दवाओं की खुराक भी अनिवार्य रूप से दी जाए। इस पर हो रहे भ्रष्टाचार पर भी रोक लगाई जाए।
8. टीका केन्द्र पर जनता की कॉउंसलिंग की जाए और वहाँ पर उन्हें जागरूक भी किया जाए।

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