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ड्रग फ्री देवभूमि 2025 : शिक्षण संस्थानों को दी गई चेतावनी, नशे के खिलाफ एकजुटता जरूरी

Drug Free Devbhoomi
Written by admin

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देहरादून। “ड्रग फ्री देवभूमि” (Drug Free Devbhoomi) के संकल्प को साकार करने की दिशा में देहरादून पुलिस ने एक और बड़ा कदम उठाया है। एसएसपी देहरादून और एसएसपी एसटीएफ की अध्यक्षता में पुलिस लाइन देहरादून में जनपद के प्रमुख शिक्षण संस्थानों, पीजी और हॉस्टलों के प्रबंधकों के साथ एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें नशे के खिलाफ चल रही “ड्रग फ्री कैंपस” मुहिम को व्यापक रूप देने के लिए कई कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए।

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जागरूकता और जवाबदेही दोनों जरूरी
गोष्ठी में पुलिस अधिकारियों ने सभी संस्थानों को अपने-अपने परिसरों में डिबेट, पोस्टर, पाम्पलेट, सेमिनार सहित अन्य माध्यमों से ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ ही राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1933 और काउंसलिंग हेल्पलाइन 14446 का अधिक से अधिक प्रचार करने को कहा गया।

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एसएसपी देहरादून ने स्पष्ट कहा कि “ड्रग फ्री कैंपस” सिर्फ एक पहल नहीं, बल्कि भविष्य की जिम्मेदारी है जिसमें संस्थानों, छात्रों और अभिभावकों की समान भागीदारी और जवाबदेही जरूरी है।

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कंसेंट फार्म और मेडिकल टेस्ट अनिवार्य
अब से एडमिशन के समय सभी छात्रों और अभिभावकों से नशे के खिलाफ सहमति पत्र (कंसेंट फार्म) भरवाना अनिवार्य होगा। यह भी तय किया गया कि यदि किसी छात्र पर नशे की संलिप्तता का संदेह होता है, तो कंसेंट फार्म के आधार पर उसका रैंडम मेडिकल टेस्ट करवाया जाएगा।

सख्त चेतावनी: सूचना छुपाई तो होगी कार्रवाई
पुलिस ने यह भी साफ किया कि यदि किसी संस्थान/पीजी/हॉस्टल में नशे से जुड़ी गतिविधि की जानकारी होने के बावजूद उसे छिपाया गया, तो संबंधित संस्थान के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

छात्रों को ड्रग्स से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास
गोष्ठी में यह भी तय हुआ कि ड्रग्स की गिरफ्त में आए किसी छात्र की पहचान होने पर उसकी काउंसलिंग कर उसे नेशनल हेल्पलाइन नंबर 14446 पर रजिस्टर कर एडिक्ट सेंटर में रैफर किया जाएगा। वहीं, संस्थानों को निर्देश दिए गए कि वे अपनी एंटी ड्रग कमेटियों की नियमित बैठकें कर छात्रों को जागरूक करें और नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाएं।

ड्रंक एंड ड्राइव पर भी सख्ती
यदि किसी छात्र को ड्रंक एंड ड्राइव या अन्य आपराधिक गतिविधियों में पकड़ा जाता है, तो संबंधित संस्थान को सूचित किया जाएगा और उसे अपने स्तर पर सख्त कार्रवाई कर पुलिस को अवगत कराना अनिवार्य होगा।

एसएसपी देहरादून का स्पष्ट संदेश:
नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ कानून की नहीं, समाज की है। ड्रग फ्री कैंपस की अवधारणा तभी सफल होगी जब अभिभावक, शिक्षक और छात्र एकसाथ जिम्मेदारी निभाएं। यदि कोई संस्थान लापरवाही करेगा, तो पुलिस कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी।

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