उत्तराखंड

भारत सरकार सुनियोजित ढंग से उत्तराखंड जनपदों से निर्यात बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है

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देहरादून : देश से निर्यात को बढ़ाने की दिशा में भारत सरकार द्वारा गत समय में अनेक कदम उठाये गये हैं इनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहल Districts as Expor Hub है जिनमें राज्य सरकारों के साथ मिलकर भारत सरकार एक सुनियोजित ढंग से जनपदों से निर्यात बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। भारत सरकार द्वारा कृषि निर्यात नीति भी वर्ष 2018 में प्रख्यापित की है और ये “कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीडा)” को इसके लिये नोडल एजेन्सी बनाया गया है। एपीडा के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा कृषि निर्यात नीति के कियान्वयन हेतु उत्तराखण्ड राज्य की कार्ययोजना तैयार की है।

प्रदेश से कृषि निर्यात बढ़ाने की दिशा में उद्योग, कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के लिये 4 दिवसीय क्षमता वृद्धि कार्यक्रम(Capacity Building Programme) का आयोजन दिनांक 07 अप्रैल, 2021 से उद्योग निदेशालय देहरादून में आज प्रारम्भ किया गया है तीनों विभागों के 25 प्रतिभागी उद्योग निदेशालय में यह प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सभी जनपदों के महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र, जिला कृषि 1. अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी एवं कृषि निर्यात से सम्बन्धित संगठनों के अधिकारी वेबीनार के माध्यम से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हो रहे हैं।

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में सचिव, उद्योग सचिन कुर्वे, फैडरेशन ऑफ इण्डियन एक्सपोर्ट आर्गेनाईजेशन के चेयरमैन अश्विनी कुमार एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ० अजय सहाय निदेशक उद्योग, उत्तराखण्ड सुधीर चन्द्र नौटियाल, एपीडा के रीजनल हैड सी0बी0सिंह, उत्तराखण्ड के प्रमुख निर्यातक डॉ० एम0एम०वाष्णेय ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया।फियो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा निर्यातकों के लिये भारत सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। एपीडा द्वारा कृषि एवं कृषि उत्पाद निर्यात की सम्भावनाओं एवं चुनौतियों को विस्तृत जानकारी दी गई।

सचिव, उद्योग एवं निदेशक उद्योग द्वारा राज्य सरकार द्वारा निर्यात संवर्धन हेतु किये गये उपायों की चर्चा की गई। प्रदेश से वर्ष 2019-20 में रू० 16085 करोड़ का निर्यात हुआ, जिसमें रू0 672 करोड़ कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों का निर्यात सम्मिलित है, जो कुल निर्यात का लगभग 5 प्रतिशत है। प्रदेश के निर्यात में कृषि उत्पादों के निर्यात के अंश को दोगुना किये जाने की सम्भावनायें हैं। शहद, मशरूम, क्यूलीनरी हर्ब्स, ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थ, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद इनमें प्रमुख हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में इण्डियन इन्सटिटयूट आफ फोरन ट्रेड, क्वालिटी काउन्सिल आफ इण्डिया, हार्टिकल्चर उत्पाद, प्रबन्ध संस्थान, फियो, एपीडा, इण्डियन इन्सटिटयूट आफ पैकेजिंग एवं विभिन्न क्षेत्रों के निर्यातक अपने प्रस्तुतिकरण करेंगे। प्रदेश के अधिकारियों आर्यात-निर्यात से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इस कार्यक्रम में दी जायेंगी, ताकि प्रदेश के प्रत्येक जनपद से निर्यात की जा सकने वाले उत्पादों को चिन्हित कर, समुचित अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं वांछित नीतिगत सहयोग से प्रदेश से कृर्षि एवं कृषि आधारित उत्पादों का निर्यात बढ़ाया जा सके।

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