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भालू के आतंक से ग्रामीणों को शीघ्र मिलेगी निजात: डॉ धन सिंह रावत

Written by Subodh Bhatt

terror of the bear

  • वन विभाग के अधिकारियों को दिये भालू को आदमखोर घोषित करने निर्देश

देहरादून। श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के थलीसैण विकासखण्ड में कई गांवों में भालू ने आतंक (terror of the bear) मचा रखा है। साथ ही ग्रामीणों की मवेशियों को निरंतर निवाला बना रहा है। इसके अलावा क्षेत्र में स्कूली बच्चों तथा आम जनमानस की जानमाल की सुरक्षा को देखते हुये भालू को आदमखोर घोषित कर अंतिम विकल्प के रूप उसे मारने के निर्देश दे दिये गये हैं।

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सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में यमुना कालोनी स्थित उनके शासकीय आवास वन विभाग की बैठक हुई, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। बैठक में गढ़वाल वन प्रभाग की पैठाणी रेंज के अंतर्गत कुण्डिल, कुचोली, सौंठ, कठयूड़, कुठ और खण्डतल्ला गांवों में भालू के आतंक पर चर्चा की गई और ग्रामीणों को भालू से निजात दिलाने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिये।

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बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा बताया गया भालू द्वारा स्थानीय लोगों की मवेशियों को निरंतर निवाला बनाया जा रहा है। अब तक दो दर्जन से अधिक मवेशी भालू के शिकार हो गये हैं। साथ ही स्कूली बच्चों व आम लोगों को भी जान का खतरा बना हुआ है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को भालू के आतंक से निजात दिलाने के निर्देश दिये। जिसके क्रम में प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) ने अंतिम विकल्प के रूप भालू को नष्ट के आदेश जारी कर दिये हैं।

निर्णय के मुख्य बिंदु:

प्रभावित क्षेत्रों में सबसे पहले पिंजरे लगाकर भालू को सुरक्षित पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।

असफल होने की स्थिति में ट्रैंक्यूलाईज कर पकड़ने की कार्यवाही की जाएगी।

यदि सभी प्रयास नाकाम साबित होते हैं तो ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंतिम विकल्प के रूप में भालू को नष्ट करने की अनुमति दी गई है।

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा “ग्रामीणों और बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनता भयमुक्त जीवन जी सके,

बैठक में अपर सचिव वन सी रवि शंकर, प्रमुख वन संरक्षक रंजन कुमार मिश्रा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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