operation kalnemi
- ढोंगियों को सीधी चेतावनी – या तो सुधर जाओ, या सीधे जेल जाओ!
देहरादून। उत्तराखंड में अब धार्मिक भेषधारियों की आड़ में ठगी करने वालों की खैर नहीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा जैसे विशाल धार्मिक आयोजन से पहले ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की घोषणा कर यह स्पष्ट कर दिया है कि देवभूमि की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे धार्मिक चोगा पहनकर जनता को भ्रमित करने वाले ढोंगियों की पहचान करें और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री का कहना है, “जिस प्रकार त्रेता युग में असुर कालनेमि ने साधु का वेश धरकर श्रीराम के अनुयायियों को भ्रमित करने की कोशिश की थी, उसी प्रकार आज के समाज में कई ‘कालनेमि’ सक्रिय हैं – इनका पर्दाफाश जरूरी है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आस्था और सुरक्षा—दोनों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने विशेष तौर पर महिलाओं को निशाना बनाने वाले फर्जी साधु-संतों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की बात कही है।
हरिद्वार, ऋषिकेश, और कांवड़ मार्ग के अन्य हिस्सों में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व धार्मिक वस्त्रों की आड़ में भोली-भाली जनता को ठगने का प्रयास करते हैं। ऑपरेशन कालनेमि इन्हीं पाखंडियों के खिलाफ सरकार का निर्णायक हमला है।
मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है कि जो भी व्यक्ति धर्म या संप्रदाय के नाम पर वेशभूषा का दुरुपयोग करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने अधिकारियों को सर्च अभियान तेज करने और पुख्ता निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
धामी सरकार ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड की भूमि केवल सनातन परंपरा की रक्षा के लिए है – न कि पाखंडी व्यापारियों के लिए। यह निर्णय सिर्फ कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिहाज से नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त ढोंग और छद्म आस्था के खिलाफ सरकार के साहसिक और प्रतिबद्ध रुख को दर्शाता है।
ऑपरेशन कालनेमि से पहले ही श्रद्धालुओं और जनता में विश्वास की एक नई लहर है। लोग मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री धामी धर्म की रक्षा के लिए सिर्फ बातें नहीं करते, बल्कि उस पर निर्णायक कार्रवाई भी करते हैं।