ED CAMPA Project Information
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने वन विभाग से कैंपा प्रोजेक्ट से जुड़ी विस्तृत जानकारी मांगी है। इसमें पिछले वर्षों में खर्च हुए बजट के साथ-साथ तैनात मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की सूची भी तलब की गई है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह जांच पाखरो रेंज घोटाले से जुड़ी है या फिर कैंपा के तहत कोई नया मामला सामने आया है।
पिछले कुछ समय से जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की पाखरो रेंज में अवैध पेड़ों की कटाई का मामला चर्चा में है, जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां इसमें सक्रिय हो गईं। इसी कड़ी में ईडी ने हाल ही में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से भी लंबी पूछताछ की थी। पाखरो मामले में ईडी और सीबीआई द्वारा कई अधिकारियों के घरों पर छापे मारे गए, जिसमें नकदी और सोना भी बरामद हुआ था।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, अब ईडी ने कैंपा से जुड़ी जानकारी मांगी है। इसमें बीते वर्षों में कैंपा के तहत आवंटित बजट का ब्योरा, उसका कहां-कहां और कैसे इस्तेमाल हुआ, इस पर खासतौर पर जानकारी तलब की गई है। साथ ही कैंपा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे अधिकारियों की सूची भी मांगी गई है। कैंपा के सीईओ और प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा ने पुष्टि की है कि उन्हें ईडी का पत्र प्राप्त हुआ है।
क्या कैंपा में भी घोटाले की जांच?
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ईडी द्वारा मांगी गई जानकारी पाखरो टाइगर रिजर्व घोटाले से संबंधित है या फिर यह कैंपा के तहत कोई नई जांच है। कैंपा के तहत आने वाला बजट वन भूमि की नेट प्रेजेंट वैल्यू के आधार पर मिलता है और इसका उद्देश्य क्षतिपूरक वनीकरण, मृदा संरक्षण, जल संरक्षण, और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने जैसे कार्य होते हैं।
यह भी गौरतलब है कि राज्य में कैंपा से जुड़े मामलों में मानकों के उल्लंघन की शिकायतें पहले भी सामने आई हैं, और कैंपा घोटाला पहले भी सुर्खियों में रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ईडी की यह जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है।