Quality of medicine in hi-tech lab
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिशा निर्देशन में प्रदेश खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक उच्च तकनीक से सुसज्जित ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस और कास्मेटिक लैब का संचालन शुरू किया है। यह लैब देहरादून के सहस्रधारा रोड स्थित डांडा लखौण्ड परिसर में स्थापित की गई है।
देहरादून में स्थापित यह हाईटेक ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस और कास्मेटिक लैब राज्य के स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस पहल से प्रदेश में नकली और मिलावटी उत्पादों के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा और नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
उच्च गुणवत्ता और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लैब
इस लैब में अत्याधुनिक मशीनों जैसे एचपीएलसी, यूवी/विजुअल फोटो, एफटीआईआर, जीसीएचएस का उपयोग करके औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक सैंपलों की जांच की जाती है। लैब की क्षमता 3000 सैंपल जांचने की है और इसमें ऑनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ. आर राजेश कुमार के अनुसार, लैब को जल्द ही राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता मिलने की संभावना है, जिससे लैब की रिपोर्ट पूरे विश्व में मान्य हो सकेगी।
लैब में अब तक हुई 2 हजार जांच
इस लैब में अब तक 2000 से अधिक जांचें हो चुकी हैं। यहाँ पांच विभिन्न प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं जिनमें रसायन परीक्षण लैब, मानइर, मेजर, कास्मेटिक और माइक्रो बायोलॉजी लैब शामिल हैं। लैब में ड्रग्स, टेबलेट, कप सिरप (ओरल लिक्विड), मेडिकल डिवाइस और कास्मेटिक उत्पादों की सैंपलिंग की जांच की जाती है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन का सक्रिय अभियान
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग प्रदेश में मिलावट खोरों और नकली उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है। ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि लैब की सटीक और उच्च गुणवत्ता वाली जांच रिपोर्ट पूरे देश में मान्य है और इससे नकली और मिलावटी उत्पाद निर्मित करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।
सौंदर्य प्रसाधनों की जांच पर विशेष फोकस
लैब का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सौंदर्य प्रसाधनों की जांच पर केंद्रित है। ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि यह लैब रुद्रपुर के बाद दूसरी लैब है, जिसमें सौंदर्य प्रसाधनों की जांच की जा रही है। बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ असामाजिक तत्व नकली या मिलावटी सौंदर्य उत्पाद निर्मित कर बेचने का प्रयास करते हैं। विभाग ऐसे नकली उत्पाद निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में जुटा हुआ है।