महिलाओं ने रोजगार
हर्षिता टाइम्स।
चमोली। चमोली जिले के सुनील गांव में महिला समूहों ने अपने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बड़ी इलायची तेजपत्ता लेमनग्रास का रोपण किया। यह गोपेश्वर मण्डल के जड़ी बूटी संस्थान के सहयोग से निःशुल्क वितरण किया गया।
महिला समूह की अध्यक्ष अंजू देवी ने बताया कि तेजपत्ता, इलायची और लेमनग्रास स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं और इससे महिला समूहों को रोजगार भी प्राप्त होगा। अध्यक्ष अंजू देती ने इस अवसर पर गोपेश्वर मंडल के जड़ी बूटी संस्थान के इस सहयोग के लिए आभार जताया।
(महिलाओं ने रोजगार) रोजगार के साधन तो प्राप्त होगें :-
महिला समूह की सचिव अनिता पंवार ने कहा कि इससे रोजगार के साधन तो प्राप्त होगें ही साथ ही यह खाने के अहसास और स्वाद में एक विशेषता लाता है। उन्होंने कहा कि महिला समूह इस जागरूकता मिशन को पूरे जिले में चलाएगी।
उन्होंने कहा कि यह मसाले में चाय, केक, आलू बॉन्डा, राजमा मसाला आदि में इस्तेमाल किया जाता है। तेजपत्ता में विटामिन, मैग्नेशियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर को कई लाभ मिलते हैं।
यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। शरीर को एंटीऑक्सिडेंट सुरक्षा प्रदान करता है और रोगों से लड़ने की क्षमता में सुधार करता है साथ ही रक्त चाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
दर्द निवारक गुणों के कारण तेजपत्ता को मासिक धर्म के दर्द और रुकावट से निपटने के लिए उपयोग किया जाता है।
इलायची की गुणवत्ता पर जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इलायची एक मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है और विभिन्न व्यंजनों को स्वादिष्टता और गंधित होने में मदद करता है।
इसकी सबसे महत्वपूर्ण खासयत है कि स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुधारता है साथ ही कैंसर से लड़ने में सहायक होता है।
लेमनग्रास पर बताते हुए कहा कि यह चाय और मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका स्वाद खट्टा मिठा होता है और तेज गंध वाला होता है। लेमनग्रास शरीर की पाचन क्रिया को सुधारता है और अपच और गैस को कम करने में सहायता प्रदान करता है। रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है।
इस अवसर पर महिला समूह से प्रेमा चमेली, गीता, मंजू आशा, दमयंती, उर्मिला, दशमी, रंजना, चन्दा, नेहा, संध्या आदि शामिल थे।
सुनील गांव की महिलाओं ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए किया औषधी पौधों का किया रोपण