Public outrage rally
देहरादून। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने 10 दिसंबर 2024 को जन आक्रोश रैली आयोजित करने की घोषणा की है। यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर होगा।
रैली का आयोजन और बंद का आह्वान
रैली की शुरुआतराजीव गांधी कॉम्प्लेक्स से प्रातः 9:30 बजे होगी, जो रेंजर्स ग्राउंड तक जाएगी। इसके बाद सभी व्यापारी और प्रतिनिधि जिलाधिकारी कार्यालय में पहुँचकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। ज्ञापन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न, महिलाओं पर अत्याचार, धार्मिक स्थलों की तोड़फोड़ और जबरन धर्मांतरण जैसे मुद्दों को रोकने की अपील की जाएगी।
इस दौरान, देहरादून के सभी बाजार सुबह 12:30 बजे तक स्वेच्छा से बंद रहेंगे।
व्यापारियों की एकजुटता
बैठक में व्यापार मंडल अध्यक्ष पंकज मैसोंन ने सभी व्यापारियों से रैली में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह रैली हमारे अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ हमारी एकजुटता का प्रतीक होगी।”
मुख्य संरक्षक अशोक वर्मा ने कहा कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच तक ले जाया जाएगा, ताकि बांग्लादेश में मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष मित्तल ने भी रैली के प्रति समर्थन जताते हुए रैली मार्ग के पेट्रोल पंपों को दो घंटे तक बंद रखने का निर्णय लिया।
व्यापार मंडल के प्रमुख वक्ताओं की प्रतिक्रियाएं
- प्रमुख संरक्षक पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
- संजय गर्ग, पृथ्वी नाथ महादेव सेवा दल के प्रमुख, ने कड़े शब्दों में रोष प्रकट करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जाए।
- जनरल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक अग्रवाल ने कहा, “बांग्लादेश में हो रही घटनाएँ मानवता को शर्मसार कर रही हैं। इन पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।”
संकल्प और भविष्य की रणनीति
सभी उपस्थित व्यापारियों ने इस मौके पर संकल्प लिया कि वे ऐसे विरोध कार्यक्रमों के माध्यम से बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को उजागर करेंगे।
बैठक में प्रेमनगर अध्यक्ष पुनीत सहगल, कारगी अध्यक्ष हेम रस्तोगी, पटेल नगर अध्यक्ष अमरदीप सिंह, युवा अध्यक्ष मनन आनंद समेत कई अन्य व्यापारी और संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।