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16वें वित्त आयोग की बैठक मुख्यमंत्री ने रखा उत्तराखण्ड का सशक्त पक्ष

Environmental Federalism
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देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और आयोग के अन्य सदस्यों के साथ हुई बैठक में प्रदेश की वित्तीय स्थिति, चुनौतियाँ और विकास की प्राथमिकताओं को मजबूती से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की पारिस्थितिकी सेवाओं को देखते हुए राज्य को उपयुक्त क्षतिपूर्ति देने की मांग की और “इनवॉयरमेंटल फेडरलिज्म” की भावना के तहत विशेष सहायता की आवश्यकता को रेखांकित किया।

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मुख्यमंत्री ने “कर-हस्तांतरण” में वन आच्छादन के भार को वर्तमान से बढ़ाकर 20% करने का सुझाव देते हुए कहा कि राज्य का 70% से अधिक भूभाग वनों से आच्छादित है, जिससे विकास कार्यों में व्यावहारिक कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। उन्होंने वनों के संरक्षण और प्रबंधन हेतु विशेष अनुदान देने की भी मांग की।

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य ने पिछले 25 वर्षों में वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और बजट आकार एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है। एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट 2023-24 में उत्तराखंड अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ है। राज्य में बेरोजगारी दर में 4.4% की कमी और प्रति व्यक्ति आय में 11.33% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

राज्य की विषम भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में विशेष बजटीय प्रावधानों की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्मार्ट क्लास, क्लस्टर स्कूल, टेली-मेडिसन, विशेष एंबुलेंस सेवा और ‘भागीरथ एप’ जैसे प्रयास राज्य को सशक्त बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किए जाने के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला और जल विद्युत परियोजनाओं के सीमित होने से उत्पन्न राजस्व हानि की क्षतिपूर्ति के लिए समुचित तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया। तीर्थ स्थलों में फ्लोटिंग पाप्यूलेशन के कारण बुनियादी सेवाओं पर बढ़ते दबाव का हवाला देते हुए उन्होंने अतिरिक्त इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए विशेष सहायता की मांग की।

मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग से अनुरोध किया कि कर-हस्तांतरण के मापदंडों में टैक्स प्रयास के साथ राजकोषीय अनुशासन को भी शामिल किया जाए और रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के स्थान पर “रेवन्यू नीड ग्रांट” की अवधारणा को लागू किया जाए।

बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने उत्तराखण्ड की वित्तीय प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा पर्वतीय राज्यों की विशिष्ट चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा।

बैठक में आयोग के सदस्यगण, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव वित्त दिलीप जावलकर सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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