स्वास्थ्य चारधाम यात्रा

चारधाम यात्रा को मिलेगा स्वास्थ्य सुरक्षा कवच: धामी सरकार की पहल पर एनएमसी ने दी मंजूरी

Chardham Yatra health protection
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Chardham Yatra health protection

देहरादून। चारधाम यात्रा जैसे विशाल और संवेदनशील धार्मिक आयोजन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में उत्तराखंड सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिसके तहत पोस्टग्रेजुएट मेडिकल ट्रेनी डॉक्टरों की स्वैच्छिक तैनाती को औपचारिक रूप से मंजूरी दी गई है।

इस निर्णय के बाद चारधाम यात्रा में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों को अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं मिल सकेंगी, वहीं प्रशिक्षु डॉक्टरों को हिमालयी परिस्थितियों में काम करने का व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त होगा। साथ ही, उन्हें डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (DRP) प्रमाणपत्र के लिए आवश्यक सेवा अवधि भी मान्य मानी जाएगी।

सेवा के साथ प्रशिक्षण: डॉक्टरों को मिलेगा डीआरपी क्रेडिट
एनएमसी की इस स्वीकृति के बाद अब एमडी, एमएस और डीएनबी जैसे पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर चारधाम यात्रा के दौरान दी गई सेवाओं को अपने DRP प्रशिक्षण का हिस्सा मान सकेंगे। एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि इन सेवाओं के लिए उन्हें अलग से तीन माह की ट्रेनिंग नहीं करनी होगी। यह निर्णय न केवल चिकित्सकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि तीर्थयात्रियों को भी अत्याधुनिक और विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगा।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह कदम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशन में उठाया गया है। उन्होंने कहा, “यह निर्णय प्रशिक्षु डॉक्टरों को आपातकालीन चिकित्सा, ऊँचाई पर चिकित्सा समस्याओं और सीमित संसाधनों में सेवा देने का अमूल्य अनुभव देगा। विभाग इस पूरी प्रक्रिया के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पूर्णतः तैयार है।”

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