राजनीति

धार्मिक स्थलों पर प्रचार के खिलाफ आरुषी सुन्द्रियाल की सख्त पहल

Promotion at religious places
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देहरादून: नगर निगम चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। आरुषी सुन्द्रियाल ने नोडल एम.सी.सी. को शिकायत पत्र सौंपते हुए भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों पर धार्मिक स्थलों पर चुनाव प्रचार करने का आरोप लगाया है।

हाल ही में कांग्रेस प्रत्याशी को धार्मिक स्थल पर प्रचार करने के लिए नोटिस जारी किया गया था। इस घटना के बाद, आरुषी सुन्द्रियाल ने निष्पक्ष और संतोषजनक चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मांग की है कि धार्मिक स्थलों पर प्रचार करने वाले प्रत्याशियों का नामांकन रद्द किया जाए।

आरुषी सुन्द्रियाल ने कहा, “धार्मिक स्थलों पर चुनाव चीन (चिह्न) के साथ प्रचार करना न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि यह निर्वाचन आयोग और लोकतंत्र का भी अपमान है। इस प्रकार के अनैतिक कार्यों से जनता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है और चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों द्वारा धार्मिक स्थलों पर प्रचार करने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं, जिससे प्रशासन की विफलता स्पष्ट हो रही है।

आरुषी ने आगे कहा, “चुनाव प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। यदि आचार संहिता का पालन सुनिश्चित नहीं किया गया, तो लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी। मैं मांग करती हूं कि धार्मिक स्थलों पर प्रचार करने वाले प्रत्याशियों का नामांकन रद्द किया जाए ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके।”

यह पहली बार नहीं है जब धार्मिक स्थलों पर प्रचार को लेकर सवाल उठे हैं। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, प्रत्याशी धार्मिक स्थलों पर व्यक्तिगत रूप से जा सकते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार के उद्देश्य से वहां जाना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।

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