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गुप्तकाशी में वन्य जीवों का आतंक: बंदरों ने युवक को किया लहूलुहान

terror of wild animals
Written by Subodh Bhatt

terror of wild animals

गुप्तकाशी। पहाड़ों में रह रहे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। रात को गुलदार और सुअरों के आतंक से लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं लेकिन दिन में भी वन्य जीवों ने घर से बाहर निकलना दूभर कर दिया है।

क्षेत्र के जखोली रोड स्थित अंद्रवाडी गांव में आज दिन में अपने घर के बाहर बैठे मदन सेमवाल नामक युवक को बंदरों ने लहूलुहान कर दिया। घायल अवस्था में उसे राजकीय चिकित्सालय गुप्तकाशी ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसके घावों पर टांके लगाए गए।

वन्य जीवों के लगातार हमलों के कारण इस गांव में लोग निरंतर पलायन कर रहे हैं। जो थोड़े बहुत लोग रह गए हैं, वे भी सहमे हुए हैं। इस गांव में बंदरों के हमले की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं। बंदरों का आतंक इस कदर है कि लोगों ने फसलों को बोना बंद कर दिया है। कभी यह गांव पूरे इलाके में उपजाऊ माना जाता था लेकिन वन्य जीवों के लगातार बढ़ते हमलों से गांव के अधिकांश खेत बंजर हो गए हैं। केवल गांव के निकट के खेतों में ही लोग फसल बोते हैं लेकिन सुअरों और बंदरों के आतंक के चलते ग्रामीणों के हाथ कुछ नहीं लगता। पहाड़ के अधिकांश गांवों की यही स्थिति है।

पिछली बार इसी तरह के बंदरों के आतंक की सूचना सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई थी, उस समय वन विभाग की ओर से भरोसा दिया गया था कि जल्दी ही उत्पाती बंदरों को पकड़ा जाएगा लेकिन नतीजा सिफर रहा है। अब तो सीएम हेल्पलाइन से भी लोगों का भरोसा उठ चुका है। ग्रामीणों ने अब वन मंत्री सुबोध उनियाल से फरियाद की है कि उन्हें बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाई जाए और बुरी तरह जख्मी हुए मदन सेमवाल के इलाज के लिए अनुमन्य धनराशि प्रदान की जाए।

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Subodh Bhatt

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