नागपंचमी
हर्षिता टाइम्स।
प्राचीन भारतीय संस्कृति में धार्मिक और पौराणिक कथाओं का विशेष महत्व है, और इन कथाओं के माध्यम से भारतीय जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाया गया है। एक ऐसी महत्वपूर्ण परंपरा है “नागपंचमी”, जो कि सांपों की पूजा और समर्पण के रूप में मनाई जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी का लाभ व्रती को तभी प्राप्त होता है जब वह नाग पंचमी की व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है। इसलिए आज के दिन कथा जरूर सुनें।
एक दिन नाग राजा की बेटी को उठाकर ले गया और राजा को बता दिया। राजा ने जैसे ही बेटी को ले जाने की बात सुनी तो राजा की उसी समय मौत हो गई। राजा की मौत की खबर सुनकर रानी भी मर गई। अब घर में राजा का लड़का अकेला रह गया।
राजा के बेटे को उसके रिश्तेदारों ने लूट लिया और भिखारी बना लिया। राजा का बेटा भीख मांगने लगा। एक दिन भीख मांगते हुए राजा का लड़का नाग के घर पहुंचा तो उसकी बहन ने उसे पहचान लिया और फिर दोनों भाई-बहन प्रेम पूर्वक रहने लगे। तभी से यह त्योहार मनाया जाता है।
नागपंचमी का त्योहार :-
नागपंचमी का त्योहार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ ही सांपों की पूजा भी की जाती है, क्योंकि पौराणिक कथाओं में सांपों को देवताओं के वाहन और भगवान शिव के अवतार माना गया है।
नागपंचमी के दिन लोग अपने घरों में पूजा का आयोजन करते हैं। विशेष रूप से वह घर जहां प्राचीन मंदिर होते हैं, वहां भगवान नाग और शिवलिंग की पूजा की जाती है। पूजा के बाद नागदेवता के रूप में नागराज की मूर्ति को दूध, धूप, बेल पत्र, फूल आदि से सजाकर उसका आराधना किया जाता है।
इस त्योहार का महत्व विभिन्न कथाओं में व्यक्त होता है। एक कथा के अनुसार, भगवान शिव की तपस्या के दौरान उनके चारों ओर सांपों की सेना आई थी, जिन्होंने उनको परेशान किया। तब भगवान शिव ने सांपों को अपनी गली में लपेटकर उन्हें प्रसन्न किया और उनकी रक्षा की। इसी कारण उनकी पूजा और समर्पण का यह पर्व मनाया जाता है।
नागपंचमी का त्योहार भारतीय संस्कृति में सांपों के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को सांपों की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक करता है और उनके संरक्षण में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बनाता है।
समापन में, नागपंचमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो सांपों के प्रति श्रद्धा और समर्पण की परंपरा को दर्शाता है। यह त्योहार हमें प्राचीन भारतीय संस्कृति और धरोहर के प्रति आदर और समर्पण की भावना को बनाए रखने की महत्वपूर्ण याद दिलाता है।