हर्षिता टाइम्स।
देहरादून, 06 जुलाई। सीएसआईआर-आईआईपी और अनुज कुमार, निवासी ग्राम निरावली, मवाना, मेरठ, उत्तर प्रदेश के बीच सीएसआईआर-आईआईपी प्रौद्योगिकी ‘बेहतर गुड़ बनाने का संयंत्र – गुर भट्टी” के तकनीकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
कृषि और कृषि आधारित कुटीर उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा हैं, हालांकि वैज्ञानिक हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण उद्योगों का आधुनिकीकरण ग्रामीण विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सीएसआईआर-आईआईपी की उन्नत गुड़ भट्टी, ग्रामीण भारत के कृषि आधारित कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक कदम है। यह प्रौद्योगिकी ‘गुड़’ बनाने की उत्पादकता में सुधार के साथ उत्सर्जन को भी कम करने मे कुशल है। यह प्रौद्योगिकी ग्रामीण जनता के लिए रोजगार के नए अवसर और मौजूदा संयंत्र मालिकों को अतिरिक्त आय का ज़रिया भी प्रदान करती है ।
इस तकनीक के फायदे हैं:
- ईंधन की खपत में 20ः की कमी
- दैनिक गुड़ उत्पादन क्षमता में 15ः की वृद्धि
- धुएं और उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी
- भट्टी में ईंधन झोकने मे आसानी
- गुड़ बनाने वाले प्लान्ट की आयु में वृद्धि