स्वास्थ्य

AIIMS में स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े का आयोजन

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ऋषिकेश। अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में निदेशक प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े का आयोजन किया गया। जिसके तहत रक्तदान शिविर के साथ साथ विभिन्न जनजागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनका उद्देश्य लोगों का रक्तदान के लिए प्रेरित करना था। संस्थान में 14 जून विश्व रक्तदान दिवस से शुरू हुए रक्तदान जनजागरुकता पखवाड़े के समापन अवसर पर बुधवार को सीएमई का आयोजन किया जाएगा,जिसमें जनजागरुकता कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों को संस्थान की ओर से प्रशस्तिपत्र भेंट कर सम्मानित किया जाएगा। गौरतलब है कि हरवर्ष 14 जून को कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाई जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पहल पर 14 जून 2004 से विश्व रक्त दान दिवस पर हर साल रक्तदाता इस दिवस पर स्वैच्छिक रक्तदान कर अन्य लोगों को भी महादान के लिए प्रेरित करते हैं।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत के मार्गदर्शन में संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की ओर से इस वर्ष रक्तदान दिवस के उपलक्ष्य में पखवाड़े का आयोजन किया गया। जिसके तहत जागरुकता से जुड़ी वि​भिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। संस्थान की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. गीता नेगी ने बताया कि पखवाड़े के तहत बीती 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस पर आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 157 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इसके साथ ही आमजन को स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर जागरुक करने के उद्देश्य से एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया गया, जिसमें प्रत्येक प्रतिभागी से स्वैच्छिक रक्तदान के लिए 5 अन्य व्यक्तियों को प्रेरित करने और ऑनलाइन गूगल फॉर्म भरकर स्वैच्छिक रक्तदान संकल्प के साथ जीवन प्रदाता मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि कई नैदानिक स्थितियों में रक्त के उपयोग को युक्तिसंगत और अधिकाधिक उपयोगी बनाने के लिए क्लिकल विभागों के साथ नैदानिक व्याख्यान की श्रृंखला आयोजित की गई, इसी क्रम में बुधवार को स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े के समापन अवसर पर “चेंजिंग पैराडाइम – एफेरेसिस डोनेशन” विषय पर ऑनलाइन सीएमई का आयोजन जाएगा। जिसका उद्देश्य सभी रक्तदाताओं को एफेरेसिस डोनेशन के बाबत जागरुक करना है। इसके अलावा स्वैच्छिक रक्तदान जनजागरुकता पखवाड़े में बढ़चढ़कर सहभागिता करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने वाले आयोजन समिति के सदस्यों, फैकल्टी सदस्यों /रेजीडेन्ट्स चिकित्सकों / कर्मचारियों और समाज में नियमित रक्तदान करने वाले जागरुक लोगों को ऑनलाइन कार्यक्रम में ई- प्रमाणपत्र भेंटकर सम्मानित किया जाएगा। एम्स ब्लड बैंक के डा. आशीष जैन ने बताया कि सीएमई में विशेषज्ञ व्याख्याताओं के अलावा विभिन्न मेडिकल कॉलेजों, उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी और उत्तराखंड के विभिन्न ब्लड बैंकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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