देहरादून : हरिद्वार महाकुंभ में आरटीपीसीआर जांच में हुए महाघोटाले में अब वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस बयान कि ये पुरानी सरकार के जमाने का मामला है और पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा इसे गंभीर प्रकृति का अपराध बता इसकी एसआईटी की जांच कराए जाने के बाद यह बात स्पष्ट हो गयी है कि इस पूरे प्रकरण में बड़े लोगों के लिप्त होने की पूरी संभावना है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने एक बार फिर पार्टी की ओर से इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हाई कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि वर्तमान व पूर्व मुख्यमंत्रियों के विरोधाभाषी बयानों से यह बात तो पुख्ता हो गयी कि इस प्रकरण के तार कहीं ऊंची जगह जुड़े हैं और यह केवल हरिद्वार तक सीमित नहीं है बल्कि इसका फैलाव राषटीय स्तर पर भी संभव है इसलिए इसकी गहन व निष्पक्ष जांच जरूरी है क्योंकि यह देश के आम नागरिकों की सेहत व जान से जुड़ा मामला है। श्री धस्माना ने कहा कि रैमिडिसेवर इंजैक्शन जो उत्तराखंड के कोटद्वार में बन कर पूरे देश में धड़ल्ले से बिक रहा था और उत्तराखंड के शासन प्रसाशन किसी को कानों कान खबर नहीं थी इसी प्रकार नकली आरटीपीसीआर रिपोर्ट पर किसी को कुछ नहीं पता था इस प्रकरण का भी एक जागरूक नागरिक की वजह से इसका खुलासा हुआ । श्री धस्माना ने कहा कि अगर सरकार ने इस मसले पर लीपापोती करने की कोशिश की तो कांग्रेस सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगी।