उत्तराखंड

उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ समान नागरिक संहिता विधेयक, जय श्रीराम के नारों से गूंजा सदन

uniform civil code
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देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आज 6 जनवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में समान नागरिक संहिता संबंधी विधेयक पेश किया है। उत्तराखंड विधानसभा में आज समान नागरिक संहिता (uniform civil code) विधेयक पेश कर दिया गया है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने uniform civil code विधेयक सदन के पटल पर रखा। जिसके बाद सदन में जय श्री राम के नारे गूंजने लगे उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार को शुरू हुआ है और आज सत्र के दूसरे दिन UCC विधेयक पेश किया गया है।

uniform civil code :- कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।

uniform civil code पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था। वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सत्ता संभालने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी।

कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है।

सदन में uniform civil code विधेयक पेश होने के बाद अब इसपर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्य दलों के विधायकों से चर्चा में भाग लेने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था सकारात्मक ढंग से चर्चा में भाग लें, मातृ शक्ति के उत्थान के लिए, राज्य के अंदर रहने वाले हर पंथ, हर समुदाय, हर धर्म के लोगों के लिए इसमें भाग लें।

  • सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी
  • पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार
  • लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी
  • लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा
  • लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार
  • महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं
  • अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर
  • बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं
  • शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं
  • उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक
  • हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून
  • जो कानून हिंदुओं के लिए, वही दूसरों के लिए भी
  • बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे
  • मुसलमानों को 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी

uniform civil code से क्या नहीं बदलेगा ?

  • धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं
  • धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं
  • ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे
  • खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं
  • यूसीसी की एक्सपर्ट्स कमेटी की रिपोर्ट पहले सदन में पेश की जानी चाहिए थी। ड्राफ्ट के अध्ययन को समय मिलना चाहिए।

लेकिन सरकार विपक्ष को वंचित किया जा रहा है। आर्य ने प्रश्नकाल निलंबित होने पर कार्य संचालन नियमावली की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रश्न करने के अधिकार को खत्म किया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष ने UCC पर कही ये बात

स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने सदन को आश्वस्त किया कि यूसीसी विधेयक को चर्चा के बाद ही पारित किया जाएगा। इसके बाद सीएम ने यूसीसी विधेयक पेश किया। इससे पूर्व, ट्वीटर पर लिखे संदेश में सीएम ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम UCC लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।

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