हर्षिता टाइम्स। दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यू.के. दौरे से नई दिल्ली आगमन के बाद मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि यू.के. में आयोजित विभिन्न बैठकों में राज्य में लगभग 12 हजार 05 सौ करोड़ रूपये से अधिक के Investment Proposals पर करार हुआ।
Investment Proposals के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाया जायेगा :-
उन्होंने कहा कि अपने अप्रवासी भाई-बहनों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा उनके Investment Proposals पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के पर्यटन मंत्री के साथ उत्तराखंड और ब्रिटेन के बीच पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने हेतु कार्ययोजना बनाने के लिए सहमति भी बनी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लंदन में उत्तराखंड के प्रवासी भाई-बहनों ने स्वागत के लिए सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया ऐसा लग रहा था कि वे लंदन में नहीं बल्कि उत्तराखंड के ही किसी शहर में अपने उत्तराखंडी भाई बहनों से मिल रहे हैं।
पोमा ग्रुप द्वारा राज्य में देश का पहला रोपवे मैन्युफैक्चरिंग पार्क विकसित किए जाने के संदर्भ में संभावनाएं तलाशने हेतु कार्य करने का भी प्रस्ताव दिया गया। उसके बाद इंग्लैंड में स्थित भारतीय दूतावास में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न गतिविधियों में शामिल लोगों के साथ बैठक में उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों में तेजी लाने हेतु कार्ययोजना पर मंथन किया गया तथा उन्हें प्रदेश की नई पर्यटन नीति के संबंध में जानकारी दी गई।
ब्रिटिश पार्लियामेंट के लार्ड मेयर तथा बर्मिंघम विश्वविद्यालय के कुलपति बिली मोरया के साथ हुई बैठक में उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं के विषय में चर्चा की गई। उनके द्वारा उत्तराखंड में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किए जाने हेतु सहमति जताई गई। उत्तराखण्ड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 80 डेलिगेशनों के साथ ही सघन बैठक (लंदन रोड शो) में लगभग 1250 करोड़ रूपये के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 सितंबर को ब्रिटेन के ऐतिहासिक शहर और औद्योगिक व शिक्षा के केंद्र के रूप में विख्यात बर्मिंघम शहर में आयोजित, उत्तराखंड में निवेश हेतु विभिन्न कंपनियों के 250 डेलिगेशनों के साथ हुई सघन बैठक (बर्मिघम रोड शो) में लगभग 1500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए गए।
28 सितंबर को ब्रिटेन में कार्यरत विभिन्न उद्योग समूहों के साथ हुई बैठक में पर्यटन एवं विनिर्माण क्षेत्रों में हुए करार के अंर्तगत 3300 करोड़ रुपए के अनुबंध पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए।
जर्मन एंबेसी के अधिकारियों के साथ बैठक में जर्मनी द्वारा तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास के संबंध में उत्तराखंड को सहयोग देने के साथ-साथ हमारे कुशल कर्मकारों को जर्मनी में कार्य करने हेतु बुलाने के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई।
लंदन नगर निगम के लार्ड मेयर के साथ उत्तराखंड के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए वित्तीय व्यवस्था के संबंध में बॉन्ड मार्केट से फंड रेज्ड करने हेतु तकनीकी सहयोग के लिये में बैठक हुई।
जिसमें आगर टेक्नोलॉजी के साथ 2 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया गया। आगर टेक्नोलॉजी द्वारा उत्तराखण्ड में लिथियम बैटरी प्लांट्स में निवेश करने की सहमति जताई गई। इसी क्रम में आज फ़िरा बार्सिलोना के साथ 1 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया गया।
इसके अतिरिक्त इज माई ट्रिप के साथ भी दो एमओयू किए गए। इसमें राज्य समर्थित ओटीए (ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर) बनाए जाने और पर्यटन के लिए विश्व में उत्तराखंड का प्रमोशन करने पर इज माई ट्रिप ने सहमति दी। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
इस दौरान सचिव मुख्यमंत्री डा0 आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत प्रतिनिधि मंडल के अन्य पदाधिकारी एवं निवेशक मौजूद रहे।
Srinagar Medical College की उपलब्धि में एक और अध्याय जुड़ गया :-
स्किल सेंटर के शिलान्यास अवसर पर सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि Srinagar Medical College की उपलब्धि में एक और अध्याय जुड़ गया है। जिसका लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में स्किल सेंटर खोलने के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दी थी। जिसके लिये उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का विशेष आभार जताया।
स्वास्थ्य मंत्री ने Srinagar Medical College के टीचिंग बेस अस्पताल में अति आधुनिक स्किल सेंटर का शिलान्यास किया
इस अवसर पर एनेस्थिसिया विभाग के एचओडी डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने स्किल सेंटर की स्थापना के लिए स्वास्थ्य मंत्री आभार व्यक्त किया। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने मेडिकल कॉलेज में स्किल सेंटर बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सेंटर बनने से यहां नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट कोर्स शुरु किया जाएगा। सेंटर में पांच स्किल स्टेशन, लेक्चर रूम, फैकल्टी रूम सहित तमाम सुविधाएं होगी।
इस मौके पर बेस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.रविन्द्र सिंह बिष्ट, डॉ. केएस बुटोला, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. दीपा, डॉ. एएन पांडेय, पेयजल निगम के एई अरविंद चन्द्र, जेई मनोज कुमार, विक्रम भंडारी आदि मौजूद रहे।
हर्षिता टाइम्स। देहरादून, 27 सितंबर। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन Bachpan Bachao Andolan (बीबीए) ने ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के तहत स्वयंसेवी संस्थाओं को लामबंद कर इस मुहिम से जोड़ने के लिए उत्तराखंड सरकार के गृह विभाग के साथ मिल कर देहरादून के आई आर डी टी ऑडिटोरियम सर्वे चौक में एक सम्मेलन का आयोजन किया।
इस सम्मेलन में उत्तराखंड सरकार के विभिन्न महकमों के साथ 2030 तक देश से बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गहन विचार विमर्श किया गया। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा पिछले साल ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के एलान के बाद बीबीए देश के सभी राज्यों में इस तरह के सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है, जिसके तहत उत्तराखंड में भी यह आयोजन हुआ। सम्मेलन में सभी हितधारकों ने विचारों का आदान-प्रदान किया और उत्तराखंड को बाल विवाह मुक्त बनाने के उपायों की रूपरेखा तैयार की।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड गृह विभाग की अपर सचिव निवेदिता कुकरेती के अलावा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अपर सचिव प्रशांत आर्य, श्रम विभाग के अतिरिक्त श्रम आयुक्त अनिल पेटवाल और महिला एवं बाल कल्याण विभाग की उप निदेशक सुजाता सिंह भी मौजूद थीं।
बाल विवाह (Bachpan Bachao Andolan) के खिलाफ आवाज उठाई :-
‘Bachpan Bachao Andolan ’ के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने सम्मेलन के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा किए गए आह्वान के बाद पूरे देश में इसकी अप्रत्याशित और आश्चर्यचकित कर देने वाली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। देश भर के 7028 गांवों से 76,000 महिलाएं और बच्चे मशाल लेकर एक साथ सड़कों पर उतरे और बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई।
देश के 20 राज्यों में आयोजित होने वाले ये सम्मेलन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक और कदम हैं। बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई और इसके पूरी तरह से खात्मे के लिए हमें एक बहुस्तरीय और बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता है। इन परामर्श सम्मेलनों के जरिए हम सभी हितधारकों को साथ लाना चाहते हैं कि ताकि इस अपराध के खिलाफ हम सभी साझा लड़ाई लड़ सकें। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ाई में हम कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे और इसमें शामिल लोगों ने जिस तरह की प्रतिबद्धता दिखाई है, उससे हमारे संकल्प और हौसले को और बल मिला है।”
ACS Radha Raturi
बाल विवाह (Bachpan Bachao Andolan) की बुराई के खिलाफ लड़ाई में सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की अहमियत और इस बात पर जोर देते हुए कि शिक्षा अकेले ही बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए सबसे कारगर औजार हो सकती है, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा, “बाल विवाह के खिलाफ प्रभावी तरीके से लड़ाई के लिए हमें एक साझा कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। साथ ही हमें समाज के सबसे असुरक्षित बच्चों के साथ काम करने की भी जरूरत है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होने पाए।”
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ने बाल विवाहों को रोकने में सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करते हुए स्वीकार किया कि इसके खिलाफ लड़ाई में बिना वक्त जाया किए नए विचारों और उपायों पर अमल की जरूरत है। उन्होंने कहा, “विडंबना ये है कि एक तरफ जहां हम इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ नैतिक और कानूनी रूप से गलत होने के बावजूद समाज के कुछ हिस्सों में बाल विवाह की सामाजिक स्वीकृति है। यह एक बड़ी चुनौती है लेकिन समाज के हर व्यक्ति को इस बुराई के बारे में जागरूक करने के लिए हमें एक साथ मिलकार काम करने और कानूनों पर प्रभावी और व्यापक अमल सुनिश्चित करने की जरूरत है।”
ACS Radha Raturi
महिला सशक्तीकरण एवं बाल कल्याण विभाग के अपर सचिव श्री प्रशांत आर्य ने बाल विवाह (Bachpan Bachao Andolan) के खिलाफ लड़ाई में एक साझा और सुसंगत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “बाल विवाह ने हमारे समाज में गहरे तक जड़ें जमा रखी है। हमें जन सामान्य को इस बारे में जागरूक करने और उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि यह सामाजिक बुराई किस तरह बच्चों के जीवन पर नकारात्मक असर डालती है। बाल विवाह सिर्फ एक बच्चे के बचपन को ही नहीं बल्कि उसके पूरे जीवन को बर्बाद कर देता है।
विदित है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (2019-2021) के अनुसार देश में 20 से 24 साल की 23.3 प्रतिशत लड़कियों और उत्तराखंड में 9.8 प्रतिशत लड़कियों का विवाह उनके 18 वर्ष का होने से पूर्व ही हो गया था। 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार देश में हर साल 51,57,863 लड़कियों का जबकि उत्तराखंड में 54,858 लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया। सम्मेलन में इस बात पर चिंता जाहिर की गई और जनता, सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से बाल विवाहों (Bachpan Bachao Andolan) के खिलाफ ठोस व गंभीर कदम उठाते हुए साझा प्रयासों की अपील की गई।
बिना लाइसेंस और अनुमति के चल रही हैं बिल्डिंग मटिरियल की दुकानें
आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी का बड़ा खुलासा, बड़े पैमाने पर हो रही राजस्व की चोरी
हर्षिता टाइम्स। देहरादून। शहर में दिये तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। देहरादून में रेत-बजरी और रोड़ी की दुकानें बिना लाइसेंस और बिना अनुमति के ही चल रही हैं। देहरादून के बाहरी इलाकों में कुछ गिने-चुने लोगों ने ही बिल्डिंग मटिरियल सप्लाई के लिए खनन विभाग से अनुमति ली है। बाकी सब अवैध चल रहे हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने जिला खनन अधिकारी से देहरादून में 12 इलाकों में चल रही बिल्डिंग मटिरियल सप्लायर की जानकारी मांगी। जिला खनन कार्यालय से चौंकाने वाली जानकारी मिली है कि देहरादून शहर में चल रही अधिकांश दुकानों के पास कोई अनुमति पत्र नहीं है। इसके बावजूद वह बिल्डिंग मटिरियल स्टोर कर रख रहे हैं।
शिमला बाईपास के कुछ सप्लायर ने अनुमति ली है लेकिन यहां भी अधिकतर सप्लायर बिना अनुमति के ही अवैध ढंग से कारोबार कर रहे हैं। जिला खनन अधिकारी ने अवैध भंडारण को लेकर जिलाधिकारी से कुछ कारोबारियों के बारे में शिकायत की लेकिन बताया जाता है कि अब तक एक भी अवैध कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।
एडवोकेट विकेश नेगी के मुताबिक उपखनिज का भंडारण के लिए जिला खनिज अधिकारी से अनुमति जरूरी है। यह अनुमति भी निश्चित अवधि के लिए दी जाती है। लेकिन देहरादून में मानकों का खुला उल्लंघन हो रहा है। उनके मुताबिक इससे राजस्व की भी चोरी हो रही है। इस कारण सरकार को करोड़ों की चपत लग रही है। उन्होंने खनन विभाग और जिलाधिकारी से अपील की है कि अवैध कारोबारियों पर कार्रवाई की जाए ताकि कर जीएसटी और कर चोरी को रोका जा सके।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा सभा ग्रामीण युवाओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि यह कार्यक्रम कार्यरत तथा प्रशिक्षणरत युवाओं के अनुभवों को साझा करने का मंच है साथ ही CXO मीट के माध्यम से नियोक्ताओं के साथ भी अनुभव साझा करते हुये उद्योग की मांग के अनुसार युवाओं के कुशल कार्यबल का तैयार करने में सहायता मिलती है। उन्होने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजन से युवाओं को रोजगार के लिये प्रोत्साहन तथा रेाजगार के अधिकाधिक अवसर भी मिलते है।
CXO Meet का आयोजन कराने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं के लिये विभिन्न नियोक्ताओं के साथ चर्चा कर रोजगार के नये अवसर प्रदान कराना
एल्युमिनी मीट के अन्तर्गत प्रशिक्षणरत युवाओं को ऐसे युवाओं के साथ विचार विमर्श का अवसर प्रदान किया गया है जो वर्तमान में प्रशिक्षणरत है तथा जो योजना के तहत पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त करते हुये उपरांत रोजगार प्राप्त कर रहे है तथा अभ्यर्थियों द्वारा आपस में अनुभवों का आदान प्रदान भी किया जाता है।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित लगभग 35 नियोक्ता कम्पनियों से योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को अधिकाधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने का आवाह्न किया। उन्होने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि उत्तराखंड के ग्रामीण युवा इमानदार एवं मेहनती है अतः इन प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार दिये जाने से न सिर्फ इन युवाओं को रोजगार मिलेगा अपितु इन्डस्टी को भी इन कुशल एवं मेहनती कार्यबल से लाभ होगा।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा देहरादून में येाजना के तहत स्थापित माइग्रेशन सह काल सेंटर का भी वर्चुअल उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उनके द्वारा अपने संबोधन में अवगत कराया गया कि माइग्रेशन सपोर्ट सेन्टर में प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त नौकरी पर जा रहे युवाओं को अस्थायी आवासीय सुविधा तथा रियायत दर पर भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी। यहॉ पर युवाओं की करियर काउन्सिलिंग भी की जायेगी। ऐसे युवा जो प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त भी नौकरी नहीं कर रहें, कॉल सेन्टर द्वारा उनको कॉल कर पुनः रोजगार के नये अवसर प्रदान किये जायेंगे।
योजना की परियोजना निदेशक एवं अपर सचिव ग्राम्य विकास नितिका खण्डेलवाल द्वारा इस अवसर पर बताया गया कि दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण केन्द्र पेाषित येाजना है जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवासित गरीब परिवारों के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर विभिन्न सेवा सेक्टरों में नियमित मासिक आय वाले स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना है। योजना के तहत राज्य को 2019 से 2024 तक के लिये 25000 युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है।
अब तक कुल 20347 अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण पूर्ण किया जा चुका है तथा 2543 अभ्यर्थी प्रशिक्षणरत है। प्रशिक्षण उपरांत कुल 14664 अभ्यर्थियों को रोजगार से जोड़ा जा चुका है तथा 9329 अभ्यर्थियों का तीन माह एवं उससे अधिक का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। येाजना के तहत प्रशिक्षण हेतु 18 सेक्टर के 89 टेड स्वीकृत किये गये । कुल 67 केन्द्रो के माध्यम से प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया। वर्तमान समय में 31 आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र क्रियाशील है, जिनके माध्यम से लगभग वर्तमान में 2543 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
यह भी अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा योजना के तहत दिब्यांगों हेतू 02 प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किये गये है जिनमे अब तक कुल 463 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा 255 युवा प्रशिक्षण उपरांत रोजगार प्राप्त कर चुके है।
इस अवसर पर सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा द्वारा योजना के तहत युवाओं को इन्डस्ट्री के मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता पर बल दिया साथ ही यह भी बताया कि इन्डस्ट्री के मांग के अनुसार नये प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किये जाये। युवाओं के प्लेसमेंट टेªकिंग पर भी योजना के तहत विशेष ध्यान दिया जाये ताकि प्रशिक्षण की गुणवत्ता उच्च कोटि की बनी रहे। उन्होने यह भी कहा कि इन युवाओं को इन्डस्टी मांग के अनुसार रि-स्किल प्रशिक्षण दिये जाने पर भी विचार किया जायेगा।
CXO मीट
इस अवसर पर योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कुशल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए विभिन्न कम्पनियांे के लगभग 35 नियोक्ताओं द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। 05 नियोक्ताओं के साथ एम0ओ0यू0 भी हस्ताक्षरित किया गया है। साथ ही लगभग 900 रोजगाररत युवाओं एवं प्रशिक्षणरत युवाओं द्वारा उक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया तथा अपने अनुभवों का आदान प्रदान किया गया। कुछ युवाओं के साथ उनके अभिभावको ंद्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
दीनदयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के अन्तर्गत एल्युमिनी कम सी0एक्स0ओ0 मीट कार्यक्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूह के द्वारा हस्त निर्मित उत्पादों का स्टॉल भी लगाया गया।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी द्वारा एल्यूमनी कम सी0एक्स0ओ0 मीट में प्रतिभाग करने वाले युवाओं को सम्मानित किया, प्रशिक्षणरत प्रशिक्षार्थियों को वेलकम किट का वितरण एवं प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके युवाओं को नियुक्ति पत्र पदान कर उनको उज्जवल भविष्य शुभकामनांए प्रदान की।
कार्यक्रम में सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, अपर सचिव ग्राम्य विकास एवं परियोजना निदेशक, डी0डी0यू0-जी0के0वाई0 नितिका खण्डेलवाल, आनन्द स्वरूप, आयुक्त ग्राम्य विकास, उपायुक्त ए0के0राजपूत, एस0के0तिवारी, संयुक्त निदेशक स्किल्स, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार, डॉ0 प्रभाकर बेबनी, मुख्य क्रियान्वयन अधिकारी, डी0डी0यू0-जी0के0वाई0, टी0एस0ए0टीम के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मो0 असलम, परियोजना समन्वयक, महात्मागांधी नरेगा द्वारा किया।
प्रबंध समिति में पांच पदाधिकारियों के अलावा 16 निर्वाचित सदस्य प्रबंध समिति में अनीश कुमार, अशरफ अली, आशीष गुप्ता, जतिन गांधी, मानवेंद्र वशिष्ठ, मयंक सिंह, मेघना धूलिया, मोहम्मद अब्दुल बारी मसूद, नलिनी रंजन मोहंती, प्रज्ञा सिंह, रविंदर कुमार, शंकर कुमार आनंद, सुनील नेगी, सुरभि कांगा, तेलप्रोलु श्रीनिवास राव और विनीता ठाकुर निर्वाचित हुए।
आपको बस इतना करना है कि कच्चे लहसुन को कूटकर या काटकर चबा लें। इससे गाउट भी कम होता है और यह शरीर के कॉलेस्ट्रोल को कम करने में भी बेहतरीन असर दिखाता है।
High Uric Acid
High Uric Acid बढ़ने पर करे घरेलू उपचार:
सेब का सिरका खून में High Uric Acid के बढ़े स्तर को कम करने के लिए सेब का सिरका काफी फायदेमंद है। नींबू … चेरी … जैतून का तेल … बेकिंग सोडा … प्यूरिन का सेवन न करें … फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करें … दूध का सेवन
शरीर के अंदर कोशिकाओं का टूटना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जब कोशिकाएं टूटती हैं तो उनसे यूरिक एसिड का निर्माण होता है। इसके अलावा हमारे द्वारा खाए गए भोजन से भी High Uric Acid मिलता है। खून में अधिक मात्रा में यूरिक एसिड मौजूद होने की समस्या को हाइपरयूरिसीमिया कहते हैं।
Patta Ajwain
लीवर खून में मौजूद यूरिक एसिड की अधिक मात्रा को छान कर अलग कर देता है जो यूरिन के माध्यम से शरीर के बाहर निकल जाता है। यूरिक एसिड की कुछ मात्रा मल के माध्यम से भी शरीर से बाहर निकलती है। अगर शरीर में यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में बनता है तो लीवर ठीक तरह से फिल्टर नहीं कर पाता है और खून में यूरिक एसिड का स्तर काफी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति पर हमें हाइपरयूरिसीमिया की समस्या होती है।
High Uric Acid
अगर लगातार खून में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है तो इससे जोड़ों के बीच एक ठोस पदार्थ का निर्माण होने लगता है जिससे गठिया की समस्या होती है। अगर उचित समय में इसका इलाज नहीं कराया गया तो टोफी की समस्या हो सकती है। जब यूरिक एसिड के क्रिस्टल आसपास के टिशूज के साथ मिलकर गांठ बना लेते हैं तो इसे टोफी कहा जाता है। शरीर में अधिक मात्रा में यूरिक एसिड बनने पर किडनी डैमेज और किडनी स्टोन होने का खतरा रहता है।
मैथी
मैथी
मेथी के दाने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। इनके सेवन से शरीर का बढ़ा हुआ यूरिक एसिड कम हो सकता है। सेवन के लिए एक चम्मच यूरिक एसिड को आधा कप पानी में रातभर भिगोकर रखें और अगली सुबह इन बीजों को चबाकर खा लें। जोड़ों में हुई सूजन कम होने लगेगी और यूरिक एसिड का स्तर घटने लगेगा।
अजवाइन
अजवाइन
अजवाइन का सेवन भी यूरिक एसिड को कम करने में किया जा सकता है. आधा चम्मच अजवाइन और एक छोटा टुकड़ा अदरक का लेकर एक कप पानी में डालकर उबाल लें. पक जाने के बाद पानी छान लें. यह पानी आधा सुबह और आधा शाम के समय पिएं.
धनिया
धनिया
धनिया के दाने और धनिया के पत्ते दोनों ही यूरिक एसिड में फायदेमंद साबित होते हैं। धनिया एंटी-ऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्त्रोत है और यूरिक एसिड के लेवल्स कम करने में सहायक है। इसे डाइट में शामिल किया जा सकता है।
आपको बता दें कि इस शिविर का आयोजन रेस कोर्स, देहरादून स्थित अमरीक हाल में किया जा रहा है। पूर्व सीएम ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय समाज सेवियों के साथ स्थलीय अवलोकन किया।
Mega Blood Donation लक्ष्य 2000 ब्लड यूनिट:-
इस मौके पर पूर्व सीएम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उनकी देवभूमि विकास संस्थान का इस सीजन का लक्ष्य 2000 ब्लड यूनिट से ऊपरका है, जिसमें 50 % से ऊपर वह पहले फेज में कर चुके हैं और बाकी 50 प्रतिशत को आगामी रक्तदान शिविरों के दूसरे फेज में पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा की डेंगू पीड़ितों को ब्लड एवं प्लेटलेट्स की कमी न हो इसके लिए उनकी संस्था पूरी तरह से प्रयासरत है।