Huge decline in worm infection
देहरादून। बच्चों में मिट्टी से संचारित परजीवी कृमि या सॉइल-ट्रांसमिटेड हेल्मिंथ (एसटीएच) संक्रमण की चुनौती से उत्तराखंड तेजी से उभर रहा है, जिसके प्रभावी परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
बच्चों को स्वस्थ रखने और उन्हें कृमि रोगों से दूर रखने के लिये राज्य सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं, इन अभियानों के तहत इस वर्ष लगभग 35 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवापान कराया गया है।
डॉ. रावत ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में कृमि संक्रमण के प्रसार का पता लगाने के लिये सितम्बर 2022 में आईसीएमआर-राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर राज्यव्यापी मृदा संचारित कृमि प्रसार अनुवर्ती सर्वेक्षण किया गया। जिसमें कृमि संक्रमण के प्रसार में जबरदस्त गिरावट पाई गई।
Huge decline in worm infection :- उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में कराये गये बेसलाइन प्रसार सर्वेक्षण के अनुसार राज्य के स्कूली बच्चों में कृमि संक्रमण के प्रसार की दर 67.97 प्रतिशत थी जो घटकर अब 0.17 प्रतिशत रह गई है। विभागीय मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कृमि प्रसार अनुवर्ती सर्वेक्षण के तहत प्रदेश के 91.5 फीसदी घरों का सर्वे किया।
जिसमें 93.8 फीसदी परिवारों ने बताया कि उनके बच्चे शौच के लिये शौचालय का प्रयोग करते हैं। सर्वे में 96.1 प्रतिशत बच्चों ने शौच के बाद हाथ धोने की बात कही जिसमें से 96 प्रतिशत बच्चों ने हाथ धोने के लिये साबुन का इस्तेमाल किया।
Huge decline in worm infection :- डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में वर्ष 2016 से अब तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के 15 द्वि-वार्षिक चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर दिया गया है। इस वर्ष राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान के तहत 1-19 आयु वर्ग के 35 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवापान कराया गया है। उन्होंने कहा कि सूबे में अब दवापान के लक्ष्य को बढ़ाकर 38 लाख कर दिया गया है ताकि राज्य में शत-प्रतिशत बच्चों को कृमिनाशक दवा खिला कर उन्हें कृमि मुक्त कर स्वस्थ उत्तराखंड का निर्माण किया जा सके।