हर्षिता टाइम्स।
देहरादून। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कोटद्वार में चल रहे अग्निवीर भर्ती में प्रदेश के युवाओं को हो रही व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया को पूर्व में निर्धारित मानकों की भांति संचालित करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट को पत्र लिखा है।
कोटद्वार में चल रहे अग्निवीर भर्ती में प्रदेश के युवाओं को हो रही व्यावहारिक कठिनाइयों और निर्धारित मानकों की अनदेखी को देखते हुए प्रदेश के पर्यटन, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, लोक निर्माण, सिंचाई, जलागम धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट को पत्र लिखकर भर्ती प्रक्रिया को पूर्व में निर्धारित मानकों के अनुसार संचालित करने का अनुरोध किया है।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने रक्षा मंत्री एवं रक्षा राज्य मंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि भारत सरकार की अग्निवीर भर्ती योजनाष् के तहत कोटद्वार में 19 अगस्त से 31 अगस्त 2022 तक बी.आर.ओ. लैन्सडाउन के द्वारा अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है। इस दौरान उन्हें युवाओं द्वारा भेजी गई कुछ वीडियो क्लिपिंग से पता चला है कि भर्ती के दौरान राज्य के 300 युवाओं को एक साथ दौडा़या जा रहा है और उसमें से भी मात्र 8 या 10 युवाओं को ही चुना जा रहा है। जबकि शारीरिक में पूर्व में औसतन 300 में से 60 का चयन किया जाता था।
उन्होने पत्र के माध्यम से रक्षा मंत्री और रक्षा राज्य मंत्री को बताया कि भर्ती होने वाले युवाओं का कहना है कि भर्ती के दौरान मानकों की अनदेखी की जा रही है। मुझे बताया गया कि दौड़ का समय 1600 मीटर के लिये 5.40 सेकन्ड है लेकिन वह सिर्फ 5 मिनट में ही दौड़ को समाप्त कर दे रहे हैं। उतराखण्ड के जवानों के लिए 163 सेन्टीमीटर लम्बाई है जो कि स्वर्गीय पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने उतराखण्ड के लिए करवाई थी। लेकिन भर्ती होने आये युवाओं की हाइट अब 170 सेन्टीमीटर ले रहें हैं।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में हो रही विसंगतियों से उत्तराखंड के युवा निराश हो रहे हैं तथा उन्हें भारत सरकार की अग्निवीर भर्ती योजना का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसलिए इन तमाम तथ्यों के दृष्टिगत भर्ती प्रक्रिया को पूर्व में निर्धारित मानकों की भाँति ही संचालित किया जाए।