उत्तराखंड ख़बरसार शिक्षा

ग्राफिक एरा में हैकाथॉन : दिव्यांगों की समस्याओं का समाधान खोजने में जुटे 10 राज्यों के छात्र

Hackathon at Graphic Era
Written by Subodh Bhatt

Hackathon at Graphic Era

देहरादून। दिव्यांगों की विभिन्न समस्याओं का समाधान खोजने के लिए 10 राज्यों के छात्र ग्राफिक एरा में जुट गए हैं। राज्य स्थापना की रजत जयंती पर यह अनुपम कार्यक्रम सारथी नमक हैकाथॉन के रूप में किया गया है।

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में दिव्यांगजनों के जीवन को सरल बनाने वाली तकनीकी समाधानों की खोज के लिए 24 घंटे की हैकाथॉन (सारथी) शुरू हो गई है। हैकाथॉन को संबोधित करते हुए ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. अमित आर भट्ट ने कहा कि समाज में तकनीकी प्रगति का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब वह सभी के जीवन को समान रूप से सशक्त बनाएं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आवाह्न किया कि वह अपने ज्ञान और नवाचार का उपयोग उन दिव्यांगजनों की मदद के लिए करें जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साइंटिस्ट डा. उन्नीकृष्णन ने कहा कि आज का युवा ही देश की भविष्य के नवप्रवर्तक है जो भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाएंगे। उन्होंने कहा कि सारथी जैसे हैकाथॉन न केवल तकनीकी कौशल विकसित करते हैं, बल्कि छात्र-छात्राओं को समाज के प्रति संवेदनशील भी बनाते हैं। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डा. राकेश कुमार शर्मा ने नई खोजों से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।

हैकाथॉन में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से 50 से अधिक टीमों में 200 से अधिक छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। 24 घंटे चलने वाली इस हैकाथॉन में प्रतिभागियों को दिव्यांगजनों के लिए स्मार्ट मोबिलिटी और नेविगेशन, बहुभाषी और सांस्कृतिक समावेशन, स्वास्थ्य और पुनर्वास तकनीक, रोजगार और कार्यस्थलों पर सुलभता नीति और जागरूकता, समावेशी शिक्षा उपकरण जैसे उपयोगी तकनीकी समाधान तैयार करने होंगे।

हैकाथॉन का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट आॅफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग और स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग ने संयुक्त रूप से किया। हैकाथॉन में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डा. डी.के जोशी, डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के हेड डा. अनुपम सिंह के साथ डा. चंद्रदीप भट्ट, डा. लक्ष्मी सपरा, डा. हिमानी महेश्वरी, सुशांत चमोली अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

About the author

Subodh Bhatt

Leave a Comment