Brainstorming on women safety
देहरादून। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तराखण्ड में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ समेत प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ सरदार पटेल भवन, देहरादून में समीक्षा बैठक की। बैठक का उद्देश्य राज्य में महिला सुरक्षा से जुड़े कदमों की समीक्षा, समन्वय और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना था।
बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, महिला सुरक्षा अधिकारीगण सहित राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रतिनिधि मौजूद रहे। प्रारंभ में गुजरात विमान हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई और सभी अधिकारियों ने मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
Brainstorming on women safety : महिला सुरक्षा की दिशा में राज्य में किए गए प्रयासों की विस्तृत जानकारी पुलिस अधीक्षक ममता वोहरा द्वारा दी गई। उन्होंने महिला हेल्प डेस्क, हेल्पलाइन सेवाएं, पुलिस बल में महिला भागीदारी, प्रशिक्षण अभियान और नवाचारों की प्रस्तुति दी।


Brainstorming on women safety महिला आयोग अध्यक्ष ने सराहे राज्य के प्रयास
श्रीमती रहाटकर ने उत्तराखण्ड पुलिस की त्वरित विवेचना, संवेदनशील पुलिसिंग और पीड़िता-केंद्रित दृष्टिकोण की प्रशंसा की। उन्होंने जनजागरूकता कार्यक्रमों को और बढ़ाने, थानों में तैनात महिला कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने, नए आपराधिक कानूनों, साइबर अपराध, मानव तस्करी जैसे विषयों पर ठोस कार्य करने के सुझाव दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षित काउंसलर्स और मनोवैज्ञानिक सहायता के जरिए पीड़ित महिलाओं को मानसिक अवसाद से उबरने में मदद दी जाए। Protection Officers से समन्वय बनाकर कानूनी सहायता, भरण-पोषण और संतान अभिरक्षा जैसे मामलों में पीड़ित महिलाओं को मजबूत समर्थन मिले।
समयबद्ध रिपोर्टिंग पर जोर
महिला आयोग अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि सभी मामलों की जानकारी राष्ट्रीय महिला आयोग को समयबद्ध ढंग से भेजी जाए और Action Taken Report नियत समय में प्रस्तुत की जाए।
डीजीपी ने जताई प्रतिबद्धता
पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के सुझावों पर आभार जताते हुए आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड पुलिस महिला सम्मान की रक्षा में निरंतर सक्रिय है। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस आयोग के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेगी और Protection Officers के साथ समन्वय, काउंसलिंग, तथा मानसिक स्वास्थ्य सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।

डायल–112 को बताया सशक्त माध्यम
बैठक के पश्चात श्रीमती रहाटकर ने डायल–112 कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। डीजीपी ने उन्हें प्रणाली की कार्यप्रणाली, तकनीकी संरचना और प्रतिक्रिया समय की जानकारी दी। उन्होंने इस तंत्र को महिला सुरक्षा एवं त्वरित सहयोग के लिए एक प्रभावशाली माध्यम बताते हुए इसे भविष्य में और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया।