Srimad Bhagavad Gita School Syllabus
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, संस्कारित और सुरक्षित बनाने की दिशा में कई अहम फैसलों की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य के स्कूलों में छात्रों को पाठ्यचर्या के हिस्से के रूप में श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन कराया जाए, जिससे उनमें नैतिक मूल्यों और भारतीय दर्शन की समझ विकसित हो।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में हुई शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों के लिए शिक्षा क्षेत्र में नवाचारों का स्पष्ट रोडमैप तैयार किया जाए। इसके साथ ही, राज्यभर के सभी स्कूलों का बरसात शुरू होने से पहले निरीक्षण किया जाए, ताकि स्कूल भवनों, पहुंच मार्गों और पुलों की स्थिति का आकलन कर जरूरी मरम्मत समय रहते की जा सके।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि हर जिले में एक-एक क्लस्टर विद्यालय में आवासीय हॉस्टल बनाया जाएगा। इसके लिए अन्य राज्यों की ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ का अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। साथ ही, 559 क्लस्टर विद्यालयों के 15 किमी दायरे में छात्रों के लिए परिवहन व्यवस्था का प्रस्ताव भी शीघ्र लाया जाएगा।
शिक्षा में पारदर्शिता, गुणवत्ता और नैतिकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाठ्यपुस्तकें समय पर उपलब्ध हों, स्थानांतरण प्रक्रिया पारदर्शी हो, और एनसीसी व एनएसएस को बढ़ावा दिया जाए। जिन स्कूलों में ये सुविधाएं नहीं हैं, वहां चरणबद्ध तरीके से इनका संचालन शुरू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरणीय शिक्षा, लोककला, संगीत, नैतिक शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विषयों को भी नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। साथ ही, CSR फंड के माध्यम से औद्योगिक संस्थानों से सहयोग लिया जाए।
बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा झरना कमठान समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।