The door of Shri Badrinath Dham
बदरीनाथ धाम। उत्तराखंड के पवित्र बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया बुधवार से विधिवत रूप से शुरू हो गई। इस अवसर पर पंच पूजा के पहले दिन श्री गणेश मंदिर के कपाट बंद किए गए। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस पूजा में शामिल हुए और उन्होंने भगवान बदरीविशाल के साथ श्री गणेश जी के दर्शन किए।
आज प्रातः श्री गणेश जी के मंदिर में रावल, धर्माधिकारी एवं वेदपाठी आचार्यों द्वारा पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद पंच स्नान का आयोजन हुआ, जिसमें गणेश जी की मूर्ति को निर्वाण रूप में लेकर श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में रखा गया। इस दौरान बदरीश पंचायत के सदस्य भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंच पूजा में सम्मिलित होकर बदरीनाथ धाम की दिव्यता का आशीर्वाद लिया और सभी श्रद्धालुओं के लिए मंगलकामनाएं दीं। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु भी दर्शन हेतु पहुंचे और इस पवित्र अवसर का हिस्सा बने।
पंच पूजा के अंतर्गत आज रावल अमरनाथ नंबूदरी ने श्री गणेश जी के मंदिर के कपाट बंद किए। पूजा-अर्चना में धर्माधिकारी श्री राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया और अन्य आचार्यों ने भाग लिया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कल, 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे, जबकि 15 नवंबर को वेद पुस्तकों की पूजा और वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया जाएगा।
इस विशेष अवसर पर बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सूचना निदेशक बंशीधर तिवारी, मंदिर समिति सदस्य भास्कर डिमरी, ऋषि प्रसाद सती, उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।