art of learning
देहरादून। आईएमएस यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के बीच “आर्ट ऑफ लर्निंग” शीर्षक से फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत अहाना गांगुली के गर्मजोशी भरे स्वागत के साथ हुई, जिसने रचनात्मकता और उत्साह से भरपूर दिन की गतिविधियों के लिए एक आकर्षक माहौल तैयार किया। अपने परिचय के बाद, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. नीरज खत्री ने आज के शैक्षिक परिदृश्य में कलात्मक अभिव्यक्ति के महत्व पर जोर दिया।
सुबह का मुख्य आकर्षण वरिष्ठ फोटो पत्रकार विनोद पुंडीर का एक प्रेरक संबोधन था, जिन्होंने न केवल दर्शकों को प्रेरित किया, बल्कि फोटोग्राफी पर एक मास्टर क्लास भी आयोजित की, जिसमें बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और तकनीकें साझा की गईं।
ब्लॉक वी के सेमिनार हॉल में आयोजित ‘आर्ट ऑफ लर्निंग’ (art of learning) फोटोग्राफी प्रतियोगिता में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला। इस रचनात्मक इवेंट में जब वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट विनोद पुंडीर ने मंच संभाला, तो उनकी मौजूदगी ने पूरी प्रतियोगिता में नया जोश भर दिया।
विनोद पुंडीर, जिनका उत्तराखंड के फोटो जर्नलिज्म में बड़ा नाम है, ने फोटोग्राफी पर अपनी विशेष मास्टरक्लास दी। इस दौरान उन्होंने छात्रों के साथ अपनी दशकों की मेहनत और अनुभव को साझा किया। उनकी बातों से न केवल छात्रों को फोटोग्राफी की तकनीकी जानकारी मिली, बल्कि इस कला के प्रति एक नया दृष्टिकोण भी प्राप्त हुआ।
प्रतियोगिता के दौरान, लाइव लोकेशन फोटोग्राफी चुनौती में 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पुंडीर ने अपने व्यावहारिक उदाहरणों और टिप्स से प्रतिभागियों की मदद की, जिससे उनका कौशल और भी निखर कर सामने आया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण तब बना जब विनोद पुंडीर ने विजेताओं को सम्मानित किया और उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘फोटोग्राफी’ सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि एक कहानी कहने का सशक्त माध्यम है।’
इस प्रतियोगिता के विजेता रहे बीए (जेएंडएमसी) प्रथम वर्ष की दिव्यांशी तंवर ने लाइव लोकेशन श्रेणी में जीत हासिल की, जबकि आईएमए (सीएंडडी) तृतीय वर्ष की तनिषा विरमानी ने उपविजेता स्थान हासिल किया। “नेचर ग्रेस एंड अर्बन पल्स” थीम में, एमबीए द्वितीय वर्ष के दिव्यांश रावत ने जीत हासिल की, जबकि आईएमए (सीएंडडी) तृतीय वर्ष की पूजा रस्तोगी उपविजेता रहीं। वहीं, विनोद पुंडीर की सलाह और मार्गदर्शन से प्रतियोगिता के अन्य प्रतिभागी भी प्रेरित होकर नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर हुए।
पुरस्कार समारोह के समापन पर, पुंडीर ने आयोजकों और प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि फोटोग्राफी जैसे माध्यम से युवा पीढ़ी को सशक्त करना बेहद जरूरी है। ‘आर्ट ऑफ लर्निंग’ (art of learning) प्रतियोगिता ने न केवल नई प्रतिभाओं को उजागर किया बल्कि फोटोग्राफी की कला के प्रति एक नई जागरूकता भी पैदा की।
कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर डॉ. नीरज खत्री के हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों के समर्पण और आयोजकों के प्रयासों को स्वीकार किया।