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वंदे मातरम राष्ट्रीय चेतना का प्राण है : डॉ. उपेंद्र सिंह

Vande Mataram
Written by Subodh Bhatt

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ज्योतिर्मठ। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ के वनस्पति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में ऋषि बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्र गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर विभाग के छात्र-छात्राओं के बीच पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

पोस्टर प्रतियोगिता में अनामिका ने प्रथम, आस्था ने द्वितीय और अनुष्का ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध प्रतियोगिता में रंजना ने प्रथम, अपेक्षा ने द्वितीय और अनामिका और वैदेही ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं क्विज प्रतियोगिता में स्नेहा ने प्रथम, अंजली ने द्वितीय और इशिता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

डॉ. राहुल तिवारी, डॉ. मुकेश चंद और डॉ. राजेन्द्र सिंह ने निबंध और पोस्टर प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई ।सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विभाग प्रभारी और प्रतियोगिताओं के नोडल अधिकारी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उपेंद्र सिंह ने कहा कि वंदे मातरम केवल गीत नहीं बल्कि इतिहास की एक स्मृति गाथा है जिसने पराधीन भारत में देशप्रेम का ज्वार उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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