साहित्य उत्तराखंड

साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप’ की आत्मकथा ‘हथेली भर ज़िंदगी’ का लोकार्पण, दिग्गज साहित्यकारों ने बांटी यादें

Palm Full of Life Launch
Written by Subodh Bhatt

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देहरादून। उत्तर जन साहित्य संवाद के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप’ की आत्मकथा हथेली भर जिंदगी के परिवर्धित संस्करण का प्रेस क्लब देहरादून में लोकार्पण किया गया।

कार्यक्रम के आरंभ में पुस्तक के लेखक सोमवारी लाल उनियाल ने पुस्तक के पीछे के भाव और रचना प्रक्रिया पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि उनका जीवन विभिन्न प्रकार की सामाजिक,राजनैतिक और साहित्यिक घटनाओं और संघर्षों में बीता। इन्हीं सभी घटनाक्रमों और उनसे जुड़े भाव ,विचारों को उन्होंने इस पुस्तक में संगृहीत करने का प्रयास किया है।जिससे आगामी पीढ़ी को भी प्रेरणा मिले।

कार्यक्रम में डॉ राम विनय सिंह ने लेखक को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना की।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ गोविंद प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि सोमवारी लाल उनियाल ने साहित्य सृजन के साथ समाज सेवा, राजनीति तथा पत्रकारिता में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके संपादन में प्रकाशित होने वाली पत्रिका उत्तरांचल की राज्य में अच्छी प्रतिष्ठा रही।

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कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि श्री उनियाल उनके पथ प्रदर्शक रहे हैं।लोक गीतों की उनकी यात्रा में उनके द्वारा दिए गए बहुमूल्य परामर्श शामिल रहे हैं।उन्होंने कहा कि श्री उनियाल ने जीवन में कठिन संघर्ष किया। उन्होंने पलायन की धारा के विपरीत जाते हुए पहाड़ में अपने गांव ने ही रहने और कार्य करने का निर्णय लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात कवि पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि श्री उनियाल के जीवन में साहित्य के अतिरिक्त महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि रही हैं। जिसका वे कभी अधिक जिक्र नहीं करते । उन्होंने राजनीति को हमेशा समाज सेवा का जरिया समझा। उन्होंने कहा कि हम लोग वृद्ध नहीं बल्कि वृद्धि से भरे लोग हैं।

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