शिक्षा उत्तराखंड ख़बरसार

ग्राफिक एरा में चला तलत अज़ीज़ की ग़ज़लों का जादू कैसे सुकून पाऊं, तुझे देखने के बाद…

Graphic Era Foundation Day
Written by Subodh Bhatt

Graphic Era Foundation Day

देहरादून । ग्राफिक एरा में मशहूर गजलकार तलत अज़ीज़ की गजलों का जादू चला और खूब चला। अपनी लोकप्रिय गजलों को अपने खास अंदाज में सुनाकर तलत अज़ीज़ ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ग्राफिक एरा के स्थापना दिवस के समारोह की श्रृंखला में देर शाम ‘एहसास-ए-ग़ज़ल : इक शाम तलत अज़ीज़ के नाम’ के रूप में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। तलत अज़ीज़ ने अपनी गजलों से खचाखच भरे सिल्वर जुबली कंवेंशन सेंटर में ऐसा जादुई माहौल बना दिया कि कभी इस कदर खामोशी कि सुई गिरने की आवाज भी सुनाई दे जाये और कभी देर तक तालियों की ऐसी गड़गड़ाहट की कुछ भी सुनाई ना दे।

गजलकार और एक्टर तलत अज़ीज़ ने इस रुपहली शाम का आगाज एक कता से किया…तुझ सा पहले ना कभी … के साथ किया। इसके बाद तलत अज़ीज़ ने वह गजल सुनाई, जिससे उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की थी-“कैसे सुकून पाऊं, तुझे देखने के बाद, आवाज दे रही है मेरी जिंदगी मुझे, जाऊं के न जाऊं तुझे देखने के बाद…”। उन्होंने फिल्म उमराव जान की गजल “ज़िन्दगी जब भी तेरी बज्म में लाती है, ये जमीं चांद से बेहतर नजर आती है…”, फिल्म बाजार की गजल “फिर छिड़ी रात, बात फूलों की, रात है या बारात फूलों की, फूल के हार, फूल के गजरे, शाम फूलों की रात फूलों की…” सुनाकर खूब तालियां बटोरी। इसके बाद “आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे, मेरे अपने मेरी होने की निशानी , मैं भटकता ही रहा दर्द के वीराने में, वक्त लिखता रहा, चेहरे पर हर पल का हिसाब…” जैसी गजलों से शाम को यादगार बना दिया। उन्होंने श्रोताओं की फरमाइश पर भी गजलें सुनाई।

मोहक और जीवंत धुनों ने पूरे माहौल में उमंग भर दी। उन्होंने भावनाओं की गहराई, शब्दों के मर्म पर अपनी मजबूत पकड़ और संगीत की सूक्ष्मताओं को बाखूबी उजागर किया। “आज जाने की जिद न करो, यूं ही पहलू में बैठे रहो, मर जायेंगे हम तो लुट जायेंगे…” की क्लासिक प्रस्तुति में उनकी आवाज़ की मिठास, संवेदनशीलता और बेजोड़ नियंत्रण ने सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और संगीत प्रेमियों के दिलों में लंबे समय तक गूंजने तराने छेड़ दिये।
तबले पर उनका साथ जीतू शंकर, कीबोर्डपर देवेन योगी और शाहिद अजमेरी ने दिया, वायलिन परइक़बाल वारसी और पर्कशन पर इमरान भियानी ने अपने अनुपम कलात्मकतातालमेल से प्रस्तुति को और भी जीवंत और अविस्मरणीय बना दिया।

समारोह की शुरुआत ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने पिछले 32 वर्षों के ग्राफिक एरा के सफर पर प्रकाश डालते हुए की। संचालन डॉ एम पी सिंह ने किया।

About the author

Subodh Bhatt

Leave a Comment