watermelon
गर्मियों के मौसम में तरबूज़ की मिठास जितनी मन को भाती है, आजकल उतनी ही सेहत के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है। बाज़ार में बिक रहे कई तरबूज़ अब प्राकृतिक रूप से पके नहीं होते, बल्कि उन्हें तेज़ रंग और अधिक मिठास देने के लिए आर्टिफिशियल कलर और केमिकल्स से तैयार किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे तरबूज़ों में अक्सर ‘एरिथ्रोसिन’ (Erythrosine) नामक रसायन का उपयोग किया जाता है, जो खाने के लिए सुरक्षित नहीं है। यह केमिकल न केवल पेट से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है, बल्कि लंबे समय तक इसके सेवन से किडनी और लिवर पर भी असर पड़ सकता है।
कैसे पहचानें मिलावटी तरबूज़?
हमने बात की डाइटिशियन प्रियंका शर्मा से, जिन्होंने बताया कि मिलावटी तरबूज़ को पहचानना कोई बहुत कठिन काम नहीं है, बस थोड़ी सी सतर्कता की ज़रूरत है। यहां जानिए उन्होंने क्या टिप्स दिए:
- वजन देखकर पहचानें:
एक अच्छा, मीठा और रसीला तरबूज़ हमेशा भारी महसूस होगा। अगर आकार बड़ा है लेकिन वजन हल्का है, तो सावधान हो जाइए। - किनारे का रंग ध्यान से देखें:
तरबूज़ के निचले हिस्से (जो ज़मीन से लगा होता है) का रंग हल्का पीला होना चाहिए। इससे पता चलता है कि फल को पेड़ पर पूरी तरह पकने का समय मिला है। - थपथपा कर जांचें:
अगर तरबूज़ को थपथपाने पर गहरी और भरी हुई आवाज़ आती है, तो यह ताज़ा और पका हुआ होता है। लेकिन अगर खोखली आवाज़ आए, तो तरबूज़ या तो बहुत पका हुआ है या अंदर से सड़ा हुआ हो सकता है। - कटे हुए तरबूज़ से रहें सावधान:
जो तरबूज़ आधे कटे हुए बिक रहे हैं, उनमें मिलावट की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इन पर केमिकल्स का छिड़काव करके रंग को और गहरा दिखाया जा सकता है।
मिलावटी तरबूज़ खाने से हो सकती हैं ये समस्याएं:
- पेट दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी-दस्त
- भूख न लगना
- पेट में गैस और सूजन
- बच्चों और बुजुर्गों में गंभीर असर
डॉक्टरों की सलाह है कि अगर किसी को तरबूज़ खाने के बाद इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और तरबूज़ की क्वॉलिटी के बारे में डॉक्टर को जानकारी दें।
सेहत का रखें ध्यान, स्वाद से पहले करें जांच
डाइटिशियन प्रियंका कहती हैं,
तरबूज़ एक बेहतरीन हाइड्रेटिंग फल है, लेकिन जब इसमें केमिकल मिल जाते हैं, तो यह हानिकारक बन सकता है। स्वाद से पहले जांच ज़रूरी है, क्योंकि सेहत से बड़ा कुछ नहीं।”
सावधान रहें, जागरूक बनें:
- हमेशा भरोसेमंद दुकानदार से ही फल खरीदें।
- कोशिश करें कि कटे हुए फल न खरीदें।
- रंग बहुत चटक हो तो सतर्क हो जाएं, वह प्राकृतिक नहीं हो सकता।
- पानी में डुबोकर जांचें – अगर पानी में रंग घुलता है तो वह मिलावटी है।
तरबूज़ गर्मियों का वरदान है, लेकिन तभी जब वह प्राकृतिक, ताज़ा और मिलावट रहित हो। थोड़ा ध्यान देकर हम न केवल अपने परिवार को बीमारियों से बचा सकते हैं, बल्कि एक सुरक्षित खाद्य संस्कृति को भी बढ़ावा दे सकते हैं। तो अगली बार बाजार जाएं, तो तरबूज़ सिर्फ देखकर नहीं, जांच कर खरीदें।