स्वास्थ्य

ओपीडी पंजीकरण की लाईन से छुटकारा दिला रही ’आभा’, डिजिटाइलेशन से आसान हुआ एम्स में पर्चा बनवाना

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Written by admin

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एम्स ऋषिकेश। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा क्यू आर कोड आधारित स्कैन एंड शेयर सुविधा रोगियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। एम्स ऋषिकेश में पिछले दो वर्षों के दौरान 3 लाख 2 हजार से अधिक रोगियों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। इस सुविधा से लोगों को अब अपना ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए अब घंटों तक लाईन में खड़ा नहीं होना पड़ता है।

एम्स ऋषिकेश में आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) के क्यूआर कोड आधारित काउंटर सुविधा 26 नवम्बर 2022 में शुरू हुई थी। उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां मरीजों के पंजीकरण के लिए यह डिजिटाइलेशन व्यवस्था सबसे पहले अमल मे लाई गई थी। तब से अब तक एम्स अस्पताल में 3 लाख 2 हजार से अधिक लोग आभा आईडी से जुड़ चुके हैं और उन्होंने अपना ओपीडी पर्चा बनवाने में इस डिजिटल तकनीक आधारित सुविधा का लाभ उठाया है।

उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केवल इलाज करवाने वाले रोगियों की आभा आईडी ही नहीं बनाई जाती है, अपितु अस्पताल के हेल्थ प्रोफेशनल चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को भी इस योजना से जोड़ा गया है । विभागीय जानकारी के अनुसार अभी तक 2 हजार 279 हेल्थ प्रोफेशनलों का इसमें पंजीकरण किया जा चुका है। इसके अलावा संस्थान द्वारा 3 लाख 65 हजार मरीजों का हेल्थ रेकॉर्ड्स डिजिटल लिंक्ड भी कर दिया गया है।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने इस उपलब्धि के लिए संस्थान की एबीडीएम (आभा) टीम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की दूरगामी सोच व देश के आम गरीब परिवारों के स्वास्थ्य की चिंता के मद्देनजर आयुष्मान भारत योजना तेजी से गतिमान है। इस योजना से उत्तराखंड में अभी तक लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। प्रो. मीनू सिंह ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना को जन-जन के स्वास्थ्य का आधार बताया।

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