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साइबर क्राइम में नया खुलासा: ओटीपी शेयरिंग ऐप से 32 लाख की धोखाधड़ी, गिरोह का सरगना गिरफ्तार

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देहरादून। उत्तराखंड के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन (एसटीएफ) ने 32 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी में शामिल एक गिरोह के सरगना को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पूरे देश में नकली निवेश और शेयर ट्रेडिंग योजनाओं के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान हरियाणा निवासी 31 वर्षीय व्यक्ति के रूप में हुई है, जिसने 12 राज्यों में 19 अन्य मामलों में भी धोखाधड़ी की है।

यह गिरोह खुद को PIMCO Capital और Kotak Securities के कर्मचारी बताकर नकली वेबसाइट्स और व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए शेयर मार्केट में निवेश का लालच देता था। जून 2024 में एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई, जिसमें शिकायतकर्ता को नकली स्टॉक ट्रेडिंग ऐप “Kotakss.Pro” डाउनलोड करवा कर धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। इस मामले में करीब 32 लाख रुपये की ठगी की गई।

जांच के दौरान, पुलिस ने गिरोह द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एक ओटीपी शेयरिंग ऐप “HHSMSApp” का भी खुलासा किया, जो बैंक ओटीपी को गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ ऑनलाइन साझा करने के लिए प्रयोग किया जा रहा था। इस ऐप को व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए एपीके फाइल के रूप में वितरित किया जाता था।

गिरफ्तार आरोपी के बैंक खाते में 71 लाख रुपये की संदिग्ध रकम पाई गई है। उसने यह भी कबूल किया कि वह व्हाट्सएप के माध्यम से बैंक खातों के क्यूआर कोड, खाली चेक फोटो और डेबिट कार्ड के विवरण गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ साझा करता था।

एसटीएफ की टीम ने मोबाइल हैंडसेट, सिम कार्ड और एसडी कार्ड जैसे महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन जॉब या निवेश योजना में भाग लेने से पहले वेबसाइट और संबंधित जानकारी का सत्यापन जरूर करें।

साइबर क्राइम पुलिस ने जनता से किसी भी शक होने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम स्टेशन से संपर्क करने की अपील की है।

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