political sympathy
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कि जिस नोटिस की बात की जा रही है वे सभी मामले केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार और कांग्रेस की राज्य सरकारों के समय दर्ज हुए थे। ऐसे नोटिस अनेकों बार उनके पास आए होंगे लेकिन दोनो बार एन चुनावों पर ही लाभ लेने के लिए इनका जिक्र करना वो छल कपट है, जिससे लिए गढ़वाल की जनता एक बार फिर से उन्हे सबक सिखाने जा रही है।
उन्होंने गोदियाल के उत्पीड़न एवं डराने की कोशिश के आरोपों को बेबुनियाद एवं भ्रम फैलाने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि तथ्यों से स्पष्ट हैं कि इनकम टैक्स या अन्य सभी प्रकरण जब दर्ज किए गए थे, तब केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार थी और महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की साझा सरकार थी। लिहाजा इन सारे मामलों से भाजपा का कोई लेना देना नही हैं ।
political sympathy :- चौहान ने कहा कि सभी जानते हैं कि सभी प्रकरण न्यायलय में चल रहे हैं, लिहाजा नोटिसों का मिलना विधिक प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे में यदि उन्होंने कुछ भी गलत नही किया है तो इसमें डरने या दवाब में आने की क्या बात है। उन्होंने हैरानी जताई कि गलत करने पर जनदबाब में उनकी ही सरकार मुकद्दमा भी दर्ज करती है, लेकिन राजनैतिक लाभ के लिए भाजपा पर झूठे आरोप लगा देते हैं।
उन्होंने निशाना साधा कि पहले भी जब जब नोटिस मिलने की खबर सामने आई तो हमेशा गोदियाल के चुनावों के समय ही क्यों सामने आई। क्योंकि इससे आगे पीछे भी इन मामलों में भी नोटिस आए होंगे, लेकिन गोदियाल ने चर्चा नही की। लेकिन अब राजनैतिक लाभ लेते के लिए दोनो चुनावों पहले विधानसभा एवं अब लोकसभा में स्वयं को पीड़ित दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं।
political sympathy :- जबकि एक सामान्य व्यक्ति भी जनता है कि ऐसे नोटिस सामान्य न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं। उन्होंने दावा किया कि जनता उनकी बार बार की जाने वाली ऐसी चालबाजियों को अच्छी तरह पहचानती है। लिहाजा जिस तरह विगत विधानसभा चुनावों में इस तरह के छल कपट के लिए उन्हें जनता ने उन्हें नकार दिया था । अब एक बार फिर से उन्हे गढ़वाल की जनता सबक सिखाने जा रही है।