उत्तराखंड स्वास्थ्य

डेंगू बुखार चरम पर, क्या करें क्या न करें, जानकारी दे रहे है वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी

डेंगू बुखार चरम पर
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डेंगू बुखार चरम पर

हर्षिता टाइम्स।
देहरादून, 31 अगस्त। प्रदेश की राजधानी में डेंगू बुख़ार चरम पर है व अन्य ज़िलों से भी छुटपुट केस रिपोर्ट हो रहे है। सामान्य जनमानस को व संबंधित अधिकारियों को बचाव व क्या करना क्या नहीं जानना ज़रूरी है।

समाचार पत्रों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा हमेशा ये जानकारी जनमानस तक पहुँचना ज़रूरी है। सर्वे प्रथम मछर के काटने से बचना मच्छर आसपास पनपने न देना ज़रूरी। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है घर को मच्छर रहित करना वा पानी को एकत्र न होने देना प्रमुख है।

आजकल कोई भी बुख़ार हो उसकी पूरी जाँच ज़रूरी है दो दिन से ज्यादा बुख़ार को डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं। तेज हड्डी तोड़ बुख़ार कमजोरी थकान उल्टी भूख ख़त्म हो जाना शुरुवाती लक्षण है।

डेंगू बुखार चरम पर इन पर ध्यान न दें :-

ये प्लेटलेट की कमी वा डेंगू शॉक सिंड्रोम में जा सकता है जो सिस्टम फेलियर कर सकता है। अतः जागरूक रहें बकरी का दूध केले पपीते के पत्ते केवल एडजुवेंट हैं इन पर ध्यान न दें। सबसे बड़ी बात शरीर को हाइड्रेटेड रखना है। पानी जूस सूप खूब ले दवाई डॉक्टर की सलाह से ले खून पतला करने वाली दवा रोक दे दर्द निवारक दवा न ले।

पेट फूलने भूख ख़त्म होने बीपी कम होने सरीर पर चकते ब्लीडिंग होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं 80 से 90 प्रतिशत मरीज़ हाइड्रेशन ठीक करने सिंपटोमैटिक इलाज वा आराम करने हाई प्रोटीन डाइट से ठीक हो जाते है प्लेटलेट 25 हज़ार से कम और अगर लक्षण ठीक है तो उस से कम पर भी चडाने की ज़रूरत आप का डॉक्टर निर्णय लेंगे पैनिक न करे।

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