- लोक मुहावरों की याद दिलाता है यह गढ़वाली गाना
- पहाड़ों के रहन – सहन के साथ ही सामाजिक संदेश पर दिया गया है बल
देहरादून। बर्मिकौंल यूट्यूब चैनल पर पहाड़ी गीत लॉन्च किया गया। जिसके लांच होते ही दर्शकों से इसे भरपूर सराहना मिल रही है। गीत का नाम हुण्या छांछ है। जिसके लेखक रमेश चंद्र ढौंडियाल हैं। वहीं इसमें उत्तराखंड के जाने-माने म्यूजिक डायरेक्टर गुंजन डंगवाल ने संगीत दिया है। गाने में एक सामाजिक संदेश देने के साथ ही वीडियो की बारिकियों के ऊपर किया गया काम इसे बाकी गानो से अलग बना रहा है। गाने के रिलीज होने के कुछ ही घंटों में दर्शकों ने इसे खूब पसंद किया। गाने को किसी मुहावरे की तरह लिखा गया है। जिसे पहाड़ी में पखणे कहा जाता है। गाना रिलीज होने के मौके पर गायक संदीप ढौंडियाल और रचना भंडारी ने कहा कि पहाड़ी गीतों में नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जुड़ाव रखते हुए हमेशा नए- नए प्रयोग करने चाहिए। जिससे हमारी पुरानी व नई पीढ़ी दोनों अपनी संस्कृति से जुड़ाव महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हम लगातार मॉर्डन बनने की होड़ में अपनी जड़ों को भूलते जा रहे हैं। ऐसे में यह। गाना हमारी संस्कृति को करीब से महसूस करवाने का माध्यम भी है। वहीं इस मौके पर उन्होंने पहाड़ी गानों मे फूहड़ता के चलन को संस्कृति के लिए खतरा बताते हुए नाराजगी जताई।