देहरादून। गुरुवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग तथा उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के समन्वित प्रयास द्वारा मुख्यमंत्री के मुख्य आतिथ्य एवं कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या के विशिष्ट आतिथ्य में मुख्य मंत्री आँचल अमृत योजना को पुनः प्रारम्भ किया गया। कार्यक्रम का आयोजन होटल पर्ल एवेन्यू रिंग रोड देहरादून में किया गया। इस हेतु सांकेतिक रूप से 11 बच्चों को मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री द्वारा दूध पिलाकर योजना का शुभारंभ किया गया।
जैसा कि मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना का शुभारंभ 7 मार्च 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया था। किंतु कोरोना काल में मार्च 2020 के पश्चात आंगनवाड़ी केंद्र बंद हो जाने के कारण योजना का क्रियान्वयन बाधित हो गया था। वर्तमान में कोविड टीकाकरण का कार्य काफी हद तक पूर्ण होने तथा विद्यालयों में पठन-पाठन फिर से सुचारू रूप से प्रारंभ होने के कारण राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना को आज के कार्यक्रम द्वारा पुनः प्रारम्भ किया गया ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण जहां पूरा विश्व प्रभावित हुआ वहां सरकार के कार्यों एवं योजनाओं का प्रभावित होना लाज़मी है। लेकिन कोविड के विरुद्ध सुरक्षित वातावरण बनाने की पुरजोर कोशिश के साथ ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को पुनः सुचारू रूप से शुरू किया जा रहा है। वहीं सभी घोषणाओं को क्रियान्वित भी किया जा रहा है। इसी क्रम में आंगनवाड़ी केंद्रों में स्कूल पूर्व शिक्षा हेतु आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण को सुनिश्चित करने के लिए आँचल अमृत योजना के पुनः संचालन हेतु 18 करोड़ का बजट आवंटित कर दिया गया है।
विभागीय मंत्री ने कहा कि मानव जीवन के प्रारंभिक पांच वर्ष न सिर्फ उसके स्वस्थ जीवन की नींव होते हैं बल्कि उसके सम्पूर्ण विकास का आधार होते हैं क्योंकि 5 वर्ष की आयु तक बच्चों के मस्तिष्क का 90% विकास हो जाता है। अतः इस आयु में हर बच्चे के पोषण का अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना को पुनः प्रारंभ किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कोविड के प्रबंधन का कार्य अत्यंत कुशलता पूर्वक किया जा रहा है । जिसके कारण प्रदेश में जीवन शैली पुनः सुचारू रूप से चलने हेतु वातावरण निर्मित हुआ है । जिसके कारण आँचल अमृत योजना को पुनः प्रारम्भ किया जाना संभव हुआ।
ये है योजना
योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में स्कूल पूर्व शिक्षा हेतु पंजीकृत 3 से 6 वर्ष के बच्चों को 100 मिली प्रतिदिन की दर पर सप्ताह में 4 दिन विटामिन A एवं D फोर्टिफाइड फ्लेवर युक्त दूध उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के द्वारा दिया जाने वाला दुग्ध चूर्ण के रूप में उत्तराखंड सहकारी दुग्ध फेडरेशन द्वारा तैयार किया जाता है तथा 3.70 प्रति ग्राम की दर से आंगनवाड़ी केंद्रों तक उपलब्ध कराया जाता है। उपलब्ध कराए गए दुग्ध चूर्ण के साथ प्लास्टिक का एयर टाइट कंटेनर और 10 ग्राम माप वाली चम्मच भी प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों में उपलब्ध कराई गई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री सप्ताह में 4 दिन (सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार) प्रति बच्चा 10 ग्राम चूर्ण को 100 ml गुनगुने पानी में घोलकर दुग्ध तैयार कर बच्चों को देंगी।
योजनांतर्गत लगभग 1.70 लाख लाभार्थी बच्चों को प्रतिमाह दूध उपलब्ध कराया जाएगा।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा, विभागीय सचिव हरि चंद्र सेमवाल, प्रबंध निदेशक़ जयदीप अरोड़ा एवं अन्य अधिकारियों सहित लगभग 250 लाभार्थी उपस्थित रहे।