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आध्यात्मिक थ्रिलर मनस्वी 8 अक्टूबर को पूरे भारत के सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी 

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Written by Subodh Bhatt

देहरादून : बहुप्रतीक्षित आध्यात्मिक थ्रिलर फिल्म मनस्वी का ट्रेलर इंदौर में काफी धूमधाम से लॉन्च किया गया।आगामी 8 ओकटुबेर को समूचे भारत के पी वी आर सिनेमाघरो मैं इसको प्रदर्शित किया जा रहा है । रिंकूठक्कर, अर्चना दुबे और प्रतीक संघवी के सहयोग से जयेश राजपाल ,शिव कुमार शर्मा के नेतृत्व मे इंदौर के फिल्म प्रेमियों के समूह द्वारा निर्मित, इस फिल्म की घोषणा पिछलेहफ्तेप्रसिद्ध बॉलीवुड ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा नेकी थी।
फिल्म का निर्देशन मनोज ठक्कर नेकिया है, जो एक प्रकाशित लेखक और टीम के आध्यात्मिक गुरु हैं। वह आध्यात्मिक
विषयों की चार पुस्तकों के लेखक भी हैं, व मॉरीशस, श्रीलंका, नेपाल और भारत मेंचार राष्ट्रपति सम्मानों के प्राप्तकर्ता हैं।
उन्होंने अपनी पुस्तक काशी मरणान्मुक्ति के लिए कई पुरस्कार जीतेहैंऔर उन्हेंउनके काम के लिए ऑस्ट्रेलिया मेंविक्टोरियन संसद मेंभी सम्मानित किया गया है।

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मनस्वी अपने नायक सत्यकाम, जो एक सीबीआई अधिकारी है, की आध्यात्मिक यात्रा के इर्द-गिर्दघूमती है, जो मध्य भारत में निरंतर हो रही बाल हत्याओ के मामलेको सुलझानेका प्रयास कर रहा है। इस प्रवास के दौरान उसकी मुलाकात अपनेगुरु, अघोरी बाबा सेहोती है, जो अपनी करुणा सेउन्हेंसिखातेहैंकि अघोर होना क्या है। उसी समय उसके गुरु उसका परिचय बौद्ध भिक्षु लामाजी सेभी करातेहैं, जो तंत्र को अपनेजीवन मेंशामिल करनेके अर्थपर प्रकाश डालतेहैं।
इन दो गुरुओ ंकी मदद से, सत्यकाम की हत्याओ के रहस्य को सुलझानेकी बाहरी यात्रा को परम सत्य की खोज की उसकी आंतरिक यात्रा के साथ बुना गया है।
सत्यकाम का किरदार रवि मित्तल नेनिभाया है, जो पेशेसे चार्टर्ड एकाउंटेंट और मन सेफिल्म प्रेमी हैं। अघोरी बाबा का किरदार एक वास्तविक जीवन साधक, शशांक चतुर्वेदी (स्वामीजी), द्वारा निभाया गया हैजो अपना अधिकांश समय हिमालय में बिताते हैं। जबकि लामाजी का किरदार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्वछात्र विशाल चौधरी नेनिभाया है।
फिल्म की उत्पत्ति का पता एक किताब सेलगाया जा सकता हैजिसेमनोज, जयेश और पटकथा लेखक नुपुर नेपहलेएक साथ लिखा था, जिसका शीर्षक था अघोरी: ए बायोग्राफिकल नॉवेल जो कुं भ मेंएक वास्तविक अघोरी के साथ मनोज की हुई मुलाक़ात सेप्रेरित है। किताब की सफलता के बाद, तीनों नेकहानी को एक और नए प्रारूप मेंतलाशनेका फै सला किया, और इस तरह फिल्म बनी। जयेश सिनेमा और क्रूके एक दूसरेसेगहरेसंबंध को साझा करतेहुए बतातेहैंकि “हम युवाओ का एक समूह हैजो एक साथ काम करनेवाली पारिवारिक इकाई के रूप मेंव्यवसाय करनेके साथ-साथ सामाजिक कार्यभी कर रहे हैं। हम मेंसेअधिकांश अपनी किशोरावस्था मेंथेजब हम पहली बार इस असाधारण इंसान सेमिले, जिसेहम सर (मनोज) कहतेहैं, जो हमेंअर्थशास्त्र पढ़ातेथे। मनोज जी जीवन भर फिल्मों के शौकीन रहेहैं। पिछले 30 सालों सेवह प्रति दिन एक फिल्म देखतेआए हैं। मेरेपिता फिल्म वितरण व्यवसाय चलातेथे, और हमने 1982 सेमध्य भारत में 50 सेअधिक फिल्मों का वितरण किया है। ‘मनस्वी’ फिल्म निर्माण का हमारा पहला प्रयास है।”
मनोज के अनुसार, इस फिल्म को बनानेके कई कारण थे, लेकिन मुख्य रूप से, “यह अघोर और तंत्र की अवधारणाओ के
आसपास की जनसामान्य भ्रांतियों को दूर करनेके लिए है। हम आज के युवाओ ंको उनकी अपनी भाषा मेंअध्यात्म का
बहुप्रतीक्षित संदेश देना चाहतेथे। क्योंकि इस आधुनिक जीवन में, हम कई नकारात्मक विचारों, भय, चिंता, आक्रोश, दिमागी तनाव, अनिद्रा के बोझ तलेदबेहुए हैं, ऐसा लगता हैकि हम अपनेउद्देश्य की भावना खो चुके हैं। मनस्वी का लक्ष्य हमें यह दिखाना हैकि बाहर का रास्ता तो भीतर की ओर मुड़ना है।
जयेश तहे-दिल सेसहमत होतेहुए कहतेहैं, “हमारेदेश के भीतर, ‘अघोर’ और ‘तंत्र’ की आध्यात्मिक अवधारणाओ ंको बहुत बदनाम किया गया है, जनसामान्य धारणा उन्हेंमात्र श्मशान घाट या काला जादू आदि सेजोड़ती है, जो सच्चाई सेबहुत परे है।
भारत की सच्ची विरासत इसकी आध्यात्मिक विरासत हैऔर यही हम मनस्वी के साथ दुनिया को दिखाना चाहतेहैं।”
यह फिल्म निर्देशक मनोज सहित कई युवा कलाकारों और क्रूके लिए पहली फिल्म है, वेकहतेहैं, “इस फिल्म के साथ, हमने दिखाया हैकि अच्छा सिनेमा बनानेके अपनेसपनेको पूरा करनेके लिए आपको बॉम्बेजानेकी आवश्यकता नहीं है। इस देश के युवा एक साथ आ सकतेहैंऔर एक नई तरह का तालमेल बैठा सकतेहैं, न के वल फिल्मेंबनानेके लिए बल्कि वेकिसी भी क्षेत्र मेंसफलता प्राप्त कर सकतेहैं, जिसके लिए वेअपना मन बना लें।”
फिल्म को पूरी तरह सेइं दौर के 30 किलोमीटर क्षेत्र के भीतर, अगस्त 2020 के दौरान, सभी कोविड -19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करतेहुए शूट किया गया था। टीम नेअपनेव्यवसाय चलानेके कई वर्षों के प्रबंधन अनुभव को फिल्म के सेट पर उपयोग में लाया है। जयेश कहतेहैं, “फिल्म के निर्माण के साथ सब कु छ सुचारू रूप सेचला, क्योंकि जब आप अपनेसाथियों के साथ अपनेजुनून को पूरा करतेहैं, तो वह वास्तव मेंकाम की तरह नहीं लगता है। और अब जब थिएटर आखिरकार खुल गए हैं, तो हम पूरेदेश मेंमनस्वी के साथ दर्शकों का मनोरंजन करनेके साथ-साथ उन्हेंशिक्षित करनेके लिए बहुत उत्साहित हैं! ”
डिवाइन ब्लेसिंग स्टूडियोज द्वारा निर्मित रिंकूठक्कर, अर्चना दुबेऔर प्रतीक संघवी के सहयोग से, मनस्वी 8 अक्टूबर को पूरे भारत के सिनेमाघरों मेंरिलीज़ होगी।

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