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आत्मोन्नति और चरित्र निर्माण की ओर बढ़ें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

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Written by Subodh Bhatt

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती जी ने मानव सेवा मंदिर, शिकागो में प्रवासी भारतीयों के साथ 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि आइए हम 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के साथ ही अपनी आंतरिक स्वतंत्रता पर भी ध्यान दें। हम भ्रम, अशुद्धता, दर्द, अविश्वास और अशांति, झूठ, क्रोध, लालच, अहंकार, मोह, वासना से मुक्ति पर भी चिंतन करें। स्वाधीनता से हमें स्वराज्य की प्राप्ति हुई और प्रभु की दिव्य कृपा से हम पवित्र और शक्तिशाली बनें। हमारे स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के बलिदान के कारण हम एक आजाद़ भारत में सांस ले रहे हैं परन्तु हम हमें अपनी आंतरिक स्वतंत्रता पर भी ध्यान देना होगा।
स्वामी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने 1893 ई. में शिकागो में आयोजित ‘विश्व धर्म महासभा’ में हिंदू धर्म एक ‘सहिष्णु तथा सार्वभौमिक धर्म’ है इससे परिचित कराया था। उनके अनुसार मनुष्य का जीवन ही एक धर्म है। धर्म न तो पुस्तकों में है, न ही सिद्धांतों में, प्रत्येक व्यक्ति अपने ईश्वर का अनुभव स्वयं कर सकता है इसी सूत्र को लेकर आत्मोन्नति और चरित्र निर्माण की ओर बढते रहे।
स्वामी ने कहा कि वर्तमान समय में भारत के पास एक तपस्वी एवं कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है। जिनका चिंतन न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। आईये हम अपने स्तर पर सहयोग कर वसुधैव कुटुम्बकम् के दिव्य सूत्र को साकार करने हेतु अपना योगदान प्रदान करें।
साध्वी भगवती सरस्वती ने प्रवासी भारतीय परिवारों को सम्बोधित करते हुये कहा कि पश्चिम की धरती पर लोगों के पास सब कुछ है। मैने बचपन से देखा है कि यहां पर अपार सम्पन्नता है परन्तु अन्दर प्रसन्नता, आन्तरिक खुशी और हृदय की शान्ति केवल भारत की पावन भूमि में विद्यमान है। आज से 25 वर्ष पहले जब मैं भारत गयी थी तब मैने पहली बार ‘कृपा की शक्ति’ को देखा। वहां पर मैं जिससे भी मिली और बातों-बातों में पूछा आप कैसे है? लोग बड़े ही प्रेम से बोलते थे, सब भगवान की कृपा है; माँ गंगा की कृपा है। मैने देखा कि लोगों किसी भी परिस्थितियों में हो परन्तु अपने निंयता पर उनका परम विश्वास होेता है और यही वास्तिविक शान्ति का मूल कारण भी है। आज भारत का 75 वां स्वतंत्रता दिवस है इस अवसर पर भारत भूमि को नमन! सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें। इस अवसर पर साध्वी ने अपनी स्वलिखित पुस्तक ‘हालीवुड से हिमालय’ के विषय में सभी को जानकारी दी।

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