देहरादून: उत्तराखंड को भाजपा ने एक बार फिर अस्थिरता के मूहँ में झोंकने का काम कर दिया। भाजपा को रिकॉर्ड 57 विधायकों का प्रचंड बहुमत देने के बदले राज्य की जनता को इतना बड़ा विश्वाशघात भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने गिफ्ट के रूप में दिया है जिसको राज्य की जनता शायद ही कभी भुला पाए यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए व्यक्त की । उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड को अपनी राजनैतिक प्रयोगशाला बना दिया और यह तीसरी बार है जब उन्होंने किसी मुख्यमंत्री को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया। श्री धस्माना ने कहा कि राज्य बनने पर गठित 15 महीनों की अंतरिम सरकार में दो मुख्यमंत्री, 2007 में फिर सत्ता पर आने के बाद 5 वर्षों में तीन मुख्यमंत्री व अब एक बार फिर वही इतिहास दोहराते हुए तीसरा मुख्यमंत्री बनाने जा रहे हैं जो राज्य के लिए एक बहुत अपमानजनक स्थिति है क्योंकि जनता ने श्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा करके भाजपा को 57 विधायकों का प्रचंड बहुमत दिया था किंतु उस जनता के जनादेश का माफी ने मां नहीं रखा और बजाय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के वे अपने विधायकों को ही रोजगार देने में व्यस्त हो गए और पांच साल में तीसरा मुख्यमंत्री थोपने का तोहफा दे दिया।
श्री धस्माना ने कहा कि अब भाजपा की अंतिम विदाई का समय आ गया है ।