देहरादून: हरिद्वार में उजागर हुए आरटीपीसीआर घोटाले को शर्मनाक व देश व दुनिया के सभी सनातनी हिन्दू धर्म के लोगों के साथ अब तक का सबसे बड़ा विश्वाशघात बताते हुए कांग्रेस ने राज्य की तीरथ सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए घोटाले की उच्च न्यायालय के सिटिंग न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में निष्पक्ष जांच कराना चाहती है तो बिना देरी किये इस मामले की न्यायिक जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देख रेख में करवाये क्योंकि आरटीपीसीआर जांच के मामले में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश दे कर पूरे कुम्भ मेले के दौरान पचास हज़ार आरटीपीसीआर करने के आदेश दिए थे। अतः इस मामले की जांच व समीक्षा माननीय उच्च न्यायालय की देखरेख में ही होनी चाहिए। श्री धस्माना ने कहा कि प्रथम दृष्टया ये एक बड़ा घोटाला ही प्रतीत हो रहा है जिसमें बड़े लोगों के लिप्त होने की पूरी संभावना है और ऐसे में कोई सीडीओ स्तर का अधिकारी इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता।
श्री धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्वयं शपथ लेते ही हरिद्वार जाकर बेरोक टोक दिव्य व भव्य महाकुंभ के आयोजन की न केवल घोषणा की थी बल्कि श्रद्धालुओं को बेधड़क आने का खुला आमंत्रण यह कहते हुए दिया था कि जो गंगा में डुबकी लगाते हैं उनको कोरोना नहीं हो सकता। श्री धस्माना ने कहा कि राज्य की सरकार ने कुम्भ मेले की कोई व्यवस्था कोविड प्रोटोकॉल का अनुसार नहीं कि जिसका परिणाम न केवल उत्तराखंड ने बल्कि पूरे देश ने भुगता है और अभी भी भुगत रहा है।
श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस इस आरटीपीसीआर घोटाले का पूरा पर्दाफाश होने तक खामोश नहीं बैठेगी और शीघ्र ही प्रदेश अध्यक्ष इस मुद्दे पर कोई बड़ा ऐलान करेंगे।