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इंसानियत अभी भी जिंदा है और हर चीज मुमकिन है अगर मन में हो विश्वास ऐसा ही कर दिखाया कोविड सहायता समूह, देहरादून ने

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देहरादून : देहरादून में जब कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ने लगा तब 27 अप्रैल, 2020 को कोविड सहायता समूह, देहरादून की स्थापना हुई। जिसमे हिमाक्षी बहुगुणा, अंकिता जखमोला और हिमालय रमोला ने अहम भूमिका निभायी। फिर और युवा साथी उसमे जुड़ते चले गए और आज की तारीख में 250 से अधिक युवा कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। कोविड हेल्प ग्रुप, देहरादून का उदय था लोगो तक बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लाज्मा, ऑक्सीजन फ्लोमीटर, फ्लोमास्क और दवाओं की जानकारी लोगो तक पहुचना। देहरादून के लोगो की मदद करने में पूरी टीम ने एडी चोटी का जोर लगा दिया।
ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर बेड, आईसीयू बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर का विभाग हिमाक्षी बहुगुणा, जितेश सिंघला, गौरव आनंद, सार्थक नौटियाल, पुनीत शंकर शर्मा और गौरव पंवार ने संभला।
प्लाज्मा और रक्तदान का विभाग अंकिता जखमोला, मनन शर्मा और विकास कुमार ने संभला।
दवाओं की सूची अनुभव और तनुज ने दी। वही ग्राउंड से जानकारी हिमालय रमोला और हैरी मल्होत्रा ​​दे रहे थे।
टीम ने फिर 20 ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे जो लोगो के काम आ रहे हैं।
जब देहरादून के हलात सुधारने लगे तब टीम ने राशन वितरण करना शुरू किया जिसमे सविता पुंडीर और गुरदीप भी मुहीम में जुड़ गए। देहरादून की बस्ती से लेकर चंबा और मसूरी तक के गांव में राशन बटवाया। अभी तक लगभग 700 से ऊपर राशन किट बाटी जा चुकी है जिसमे नेहरू कॉलोनी पुलिस थाना ने काफी सहयोग किया। खासतौर पर एसआई धनी राम पुरोहित और एसबी भट्ट ने। आज भी माननीय सुनील उनियाल गामा, मेयर देहरादून की मौजदगी में 200 राशन किट वितरित किए।
इस कार्य में विराज सिकंद, आकृति थापा, पार्थ जोशी, डॉ मीनू, डॉ मधु, डॉ अक्षत, उमंग, राजदीप, गौरव ने भी शुरू से ही सहयोग दिया है।
देहरादून के युवा जो साथ मिलेंगे निस्वार्थ भाव से लोगो की सेवा के लिए आए हैं, इस जोश और जज्बे को लोग हमें याद रखेंगे। इन्होंने बता दिया की इंसानियत अभी भी जिंदा है और हर चीज मुमकिन है अगर मन में हो विश्वास।

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