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रामदेव पर राज्य व केंद्र की सरकारें मौन क्यों – धस्माना

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देहरादून : उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की तीरथ सिंह के नेतृत्व वाली भाजापा सरकार व केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत एनडीए की सरकार से सवाल किया है कि वो देश को बताए कि इस कोरोना काल में अपनी जान पर खेल कर लोगों के उपचार में लगे डॉक्टरों पर भद्दी टिप्पणियों करने एक हज़ार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत जो कोविड के कारण हुई उनकी खिल्ली उड़ाने वाले व पूरी एलोपैथी को खारिज करने का दुस्साहस करने वाले और आयुर्वेद की आड़ में कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित कर चूरण बेचने वाले रामदेव पर कार्यवाही कब होगी? आज पत्रकारों से रामदेव प्रकरण पर वार्ता करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि संघ परिवार और पीएम नरेंद्र मोदी की सह और संरक्षण के कारण रामदेव का इतना साहस बढ़ गया है कि वो सारे देश के संविधान और कानून से बड़ा अपने आप को समझने लगा है और खुले आम सोशल मीडिया में चुनौती दे रहा है।

श्री धस्माना ने कहा कि रासमदेव ने पिछले वर्ष बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर के कोरोना की दवा के रूप में कोरोनिल नाम से दवा की लॉन्चिंग की व दावा किया कि इसका क्लिनिकल परीक्षण हुआ किन्तु जब भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस दिया तो वे अपने दावों से मुकर गए व कोरोनिल को इम्युनिटी बूस्टर कहने लगे और उसके बाद उन्होंने अपना प्रभाव इस्तेमाल करते हुए उस दवा को बेचने की अनुमति भी सरकार से प्राप्त कर ली। श्री धस्माना ने कहा कि तब भी भारत सरकार व स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोई कार्यवाही रामदेव के खिलाफ करना तो दूर उस दवा को बेचने की खुली छूट रामदेव को दे दी ।
श्री धस्माना ने कहा कि जब पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप से परेशान व डरा हुआ है ऐसे में रामदेव अपने निजी लाभ के लिए न केवल एलोपैथी व विज्ञान पर हमला कर रहा है व इसी बहाने अपने चूरण को बेचने का प्रचार भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रामदेव के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही की मांग करती है।

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