स्वास्थ्य

एम्स में भर्ती कोविड मरीजों की संख्या हुई 199, अत्यधिक तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस का संक्रमण

एम्स में भर्ती कोविड मरीजों का बढ़ता ग्राफ-

1 अप्रैल – 16
5 अप्रैल – 35
10 अप्रैल – 57
15 अप्रैल – 136
16 अप्रैल – 199

ऋषिकेश : कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतना जीवन को संकट में डाल सकता है। चिकित्सकों की मानें तो कोरोना वायरस इस बार 70 प्रतिशत अधिक गति तेजी से लोगों में संक्रमित हो रहा है। ऐसे में खासतौर से उन लोगों के जीवन के लिए यह खतरनाक हो सकता है जो कोविड19 की पिछली लहर में संक्रमित हो चुके हैं। हालात का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 16 दिनों में एम्स ऋषिकेश में भर्ती किए गए कोविड मरीजों की संख्या 199 पहुंच गई है। बीती 1 अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में 12 गुना बढ़ोत्तरी हुई है। एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ऐसी स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को मास्क के अनिवार्य इस्तेमाल और आपस में दो गज की दूरी बनाए रखने के नियम का हरहाल में पालन करने की सलाह दी है।

विनाशकारी साबित हो रही कोविड-19 की दूसरी लहर अत्यधिक तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। खासबात यह है कि इस बार कोरोना का स्ट्रैन बिल्कुल नए रूप में है और इसका वायरस बार-बार रूप बदल रहा है। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कोविड का नया वायरस इतना घातक है कि पहली लहर के वायरस की तुलना में यह लगभग 5 गुना अधिक तीब्र गति से लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है। नए स्ट्रेन के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आने से संक्रमित व्यक्ति को इलाज के लिए पर्याप्त समय भी नहीं मिल पा रहा है। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट बताती है कि भारत में इस बार नए स्ट्रेन का कोरोना वायरस अभी तक 700 से अधिक बार अपना स्वरूप बदल कर लोगों को संक्रमित कर चुका है। उन्होंने कहा कि बेहद खतरनाक गति से लोगों को चपेट में ले रहे इस वायरस से जीवन को बचाने के लिए सभी लोगों को अनिवार्यरूप से मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए व साथ ही आपस में दो गज की दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है। इस मामले में जरा सी लापरवाही एक-दूसरे के जीवन पर भारी पड़ सकती है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने कहा कि लोगों को चाहिए कि अपना इम्यूनिटी स्तर बनाए रखने के लिए कोविड महामारी से दहशत में न आएं और अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने के साथ साथ सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करें।

एम्स की कम्युनिटी एवं फेमिली मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना ने कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में बताया कि जिन लोगों को पिछले वर्ष कोविड हो चुका है, उनके लिए यह लहर ज्यादा घातक है। मगर इससे डरने की जरूरत नहीं बल्कि इससे बचाव के उपाय अपनाने की नितांत आवश्यता है। उन्होंने बताया कि इस बार संक्रमित होने वाले लोगों में सूखी खांसी, सिरदर्द, मांशपेशियों में दर्द, सांस लेने मे तकलीफ, सीने में दर्द, सीने में दबाव महसूस होना, जागने में दिक्कत होना, कमजोरी महसूस करना अतिरिक्त लक्षण हैं। जबकि बुखार व खांसी इसके प्राथमिक लक्षण हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का इस्तेमाल करने में हरगिज लापरवाही नहीं बरतें। तेजी से फैलते कोविड संक्रमण के कारणों के बारे उन्होंने बताया कि कोरोना की पिछली लहर के बाद देश में हालात सामान्य होने पर लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी । मास्क का इस्तेमाल करना बंद कर दिया और बिना किसी सुरक्षात्मक उपायों के एक-दूसरे से मिलने-जुलने लगे। उन्होंने परामर्श दिया है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग कोविड वैक्सीन जरूर लगवाएं। यह वैक्सीन कोविड संक्रमण की घातकता को कम करने में सहायक है। उन्होंने बताया कि एम्स,ऋषिकेश में बने कोविड टीकाकरण केंद्र में रविवार को भी कोरोना वैक्सीन लगाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

क्या करें-

कोविड वैक्सीन जरूर लगवाएं
बिना मास्क के घर से बाहर हरगिज नहीं निकलें
घर में रहें और सुरक्षित रहें
बहुत जरूरी हो तो ही घर से निकलें
आपस में दो गज की दूरी बनाए रखें
भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
अफवाहों पर ध्यान नहीं दें और दहशत में न आएं
अपने हाथ, नाक और मुहं को हमेशा स्वच्छ रखें
हाथों को धोने में साबुन या सेनेटाइजर का उपयोग करें
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें

क्या न करें-

घर से बाहर जाते वक्त मास्क बिल्कुल नहीं उतारें
एक-दूसरे के नजदीक आकर बातचीत नहीं करें
दहशत न फैलाएं और न स्वयं दहशत में आएं
अपनी इम्यूनिटी बढ़ाएं
बुखार या खांसी होने पर इसे सामान्यरूप में न लें व चिकित्सक से संपर्क करें।

 

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