उत्तराखंड धार्मिक

विधि-विधान से खुले श्री केदारनाथ धाम के कपाट

Written by admin
  • 10 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।
  • मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया।
  • सेना के मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों से केदारपुरी गुंजायमान रही
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से लोककल्याण हेतु पहला रूद्राभिषेक हुआ।
  • प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन- धर्मस्व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साक्षी बने।
  • शनिवार को भकुंट भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात श्री केदारनाथ धाम की आरती शुरू होगी।

हर्षिता टाइम्स। श्री केदारनाथ धाम के कपाट बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ शुक्रवार वृष लग्न में प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर खुल गये है। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था। सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आये 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन मौजद थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के साक्षी बने।

श्री केदारनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ।

कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया। कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से पहला रूद्राभिषेक किया गया। इस अवसर पर दानीदाताओं ने भंडारे आयोजित किये हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है।
इस अवसर पर प़कज मोदी, पूर्व विधायक मनोज रावत, मंदिर समिति सदस्य क्रमश श्रीनिवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, सज्जन जिंदल, वीरेंद्र असवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी सहित मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आर. सी. तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा. हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

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