देहरादून। भाजपा की नई सरकार ने अपने ही पुराने मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल से जुड़े फैसलों की पड़ताल शुरू कर दी है। कर्मकार कल्याण बोर्ड की गड़बड़ियों की जांच के बाद अब कार्बेट नेशनल पार्क में हुए निर्माण कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी पर भी दूध का दूध और पानी का पानी करने का फैसला लिया है।
इस मामले में गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने गंभीर वितीय, प्रशासनिक व आपराधिक गड़बड़ी का खुलासा किया था। जांच कमेटी ने 7 फरवरी 2022 को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। इसी रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने कार्बेट पार्क के निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है।
अब हरक सिंह कांग्रेस में है। और हाल ही में अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने कार्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। पत्र में कार्बेट में हुए निर्माण कार्यों में वन व वन्य जन्तु अधिनियम के खुले उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। पूर्व वन मंत्री हरक सिंह के कार्यकाल में कार्बेट पार्क के अंदर कंडी रोड निर्माण, गोरघट्टी तथा पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरो वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण, पाखरो में प्रस्तावित टाईगर सफारी में वृक्षों के अवैध कटान किया गया था।
अब जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल को 2017 से 2022 के बीच कॉर्बेट में हुए निर्माण कार्यों के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन की ओर से निदेशक को जारी किए गए। नोटिस में साफ तौर पर कॉर्बेट के निदेशक को कहा गया है कि जांच के बाद जो तस्वीर सामने आई है उससे लगता है कि निदेशक ने निर्माण कार्यों में नियम विरूद्ध कार्य किया जो अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के खिलाफ है।