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देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सभी विभागों को ऋण वितरण और अदायगियों को प्राथमिकता देने और त्वरित निपटारे के निर्देश दिए हैं। राधा रतूड़ी ने पेयजल विभाग को पेयजल सुविधाओं के विकास से संबंधित प्रस्तावों को शीघ्र भेजने के साथ ही नाबार्ड से पेयजल प्रस्तावों को प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए हैं।
सभी विभागों के सचिवों और विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण एवं अदायगियों में तेजी लाने के लिए साप्ताहिक समीक्षा करने का आदेश दिया गया है। इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव ने प्रक्रियाओं में हो रहे विलम्ब पर चिंता व्यक्त की और प्रक्रियाओं को सरल और तेज करने के निर्देश दिए। विद्यालयी शिक्षा विभाग की बैठक में अनुपस्थित रहने पर उन्होंने विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है।
मुख्य सचिव ने वित्त विभाग को एक सप्ताह में धीमे चल रहे सभी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही, नाबार्ड को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में सिंचाई सुविधाओं के विकास के सापेक्ष किसानों की कृषि आय में वृद्धि पर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए और प्रस्तावों की स्वीकृति में तेजी लाई जाए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में नाबार्ड की आरआईडीएफ (ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि) पर द्वितीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने विभागों द्वारा डिस्बर्समेंट की प्रगति को संतोषजनक नहीं माना और इसे शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए।
अपर सचिव वित्त ने बताया कि उच्चाधिकार समिति द्वारा वर्श 2024-25 के लिए 1162 करोड़ रुपए के सापेक्ष 1098 करोड़ रुपए ऋण डिस्बर्समेंट का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक केवल 232.28 करोड़ रुपए का डिस्बर्समेंट किया गया है।
राज्य में नाबार्ड के तहत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) से 2.05 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधाओं का सृजन और पुनरुद्धार किया गया है। लगभग 14,766 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण और सुधार हुआ है। 27307 मीटर ब्रिज का निर्माण किया गया है और 23.77 लाख ग्रामीण लोगों को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 241 स्कूल और आईटीआई का निर्माण और पुनरुद्धार किया गया है।
इस बैठक में सचिव शैलेश बगौली, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, अपर सचिव सी. रविशंकर और नाबार्ड के अधिकारी पंकज यादव, निर्मल कुमार समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।