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MDDA ने लगभग 72 बीघा अवैध प्लॉटिंग को किया ध्वस्त

72 bigha illegal plotting
Written by Subodh Bhatt

72 bigha illegal plotting

देहरादूनमसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अपनी सख्त कार्रवाई को और तेज कर दिया है। नियोजित एवं सुरक्षित शहरी विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एमडीडीए की टीम ने विकासनगर, सहसपुर, सेलाकुई, होरोवाला रोड सहित विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की। प्राधिकरण का स्पष्ट संदेश है कि नियमों से खिलवाड़ करने वालों के लिए किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। अवैध कॉलोनाइज़रों के खिलाफ यह अभियान शहरी विकास को अनुशासित और पारदर्शी दिशा देने की कड़ी में महत्वपूर्ण कदम है।

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण की अवैध लॉटिंग पर सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। विकासनगर, सहसपुर, सेलाकुई, होरोवाला रोड सहित विभिन्न क्षेत्रों में आज व्यापक अभियान चलाते हुए सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। जिशान खान द्वारा होरोवाला रोड, देहरादून में लगभग 40-45 बीघा में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया। इसी प्रकार परमजीत रिखोल द्वारा खैरी गांव, मुर्गी निगम रोड, सेलाकुई में लगभग 05 बीघा क्षेत्र में की गई अवैध प्लॉटिंग पर भी कार्रवाई की गई। राहुल धनोला एवं अन्य द्वारा ग्राम शंकरपुर, नवोदय विद्यालय निकट, कैचीवाला रोड, सहसपुर में लगभग 22 बीघा में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को भी ध्वस्त किया गया। उक्त कार्यवाही में अवर अभियन्ता शिद्धार्थ सेमवाल, अमन पाल, सुपरवाइज़र एवं पुलिस बल मौजूद रहा।

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उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी का बयान
एमडीडीए का मूल उद्देश्य सुव्यवस्थित, सुरक्षित और योजनाबद्ध शहरी विकास को लागू करना है। इसी भावना के तहत प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माणों और अवैध प्लॉटिंग के विरुद्ध शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाई गई है। हमने बीते कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर ऐसी गतिविधियों पर निर्णायक कार्रवाई की है। अवैध कॉलोनाइज़रों द्वारा बिना मानचित्र स्वीकृति, बिना बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था किए प्लॉटिंग करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि भविष्य में नागरिकों के लिए गंभीर जोखिम भी पैदा करता है। एमडीडीए की ओर से साफ निर्देश है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नियमों से खिलवाड़ करेगी, उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम जनता से भी अपील करते हैं कि किसी भी भूखंड या प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी विधिक स्थिति अवश्य जांच लें और एमडीडीए की स्वीकृत कॉलोनियों में ही निवेश करें। हमारा लक्ष्य है-एक स्वच्छ, संगठित और पारदर्शी शहरी विकास मॉडल तैयार करना, जिसमें जनता की सुरक्षा और हित सबसे ऊपर हों।

सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया का बयान
प्राधिकरण अवैध निर्माणों पर लगातार निगरानी रख रहा है और जहां भी अवैध गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती है, तत्काल कार्रवाई की जाती है। विकास क्षेत्रों की भौतिक रूप से जांच की जा रही है ताकि किसी भी स्तर पर अवैध प्लॉटिंग या निर्माण पनप न सके। नागरिकों एवं निवेशकों से अनुरोध है कि मानचित्र स्वीकृति एवं विधिक प्रक्रिया की पुष्टि कर ही भूमि खरीदें। एमडीडीए का प्रयास है कि विकास कार्य नियमों के अनुरूप और पारदर्शी ढंग से आगे बढ़ें।

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