शिक्षा

ग्राफिक एरा में शिक्षा को संवेदनशील बनाने के लिए एफडीपी

Education in Graphic Era
Written by Subodh Bhatt

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देहरादून। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्रणाली को संवेदनशील, समानता और समावेशी बनाने के लिए एफडीपी किया गया। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में जेंडर सेंसिटिव लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित एफडीपी में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कुलपति डा. नरपिंदर सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थान समाज में लैंगिक समानता और समावेशी शिक्षण वातावरण बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि सच्ची समानता किसी नीति या भाषण से नहीं, बल्कि जागरूकता, सहानुभूति और निरंतर व्यवहार से स्थापित होती है।

इस अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर पम्पा मुखर्जी ने कहा कि लैंगिक समानता केवल नीतियों और दस्तावेजों में दर्ज शब्द नहीं, बल्कि इसे शिक्षा और संस्थागत व्यवहार का अभिन्न हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक समानता का विचार हमारे निर्णयों, शिक्षण शैली और नेतृत्व की सोच में नहीं उतरता, तब तक वास्तविक परिवर्तन संभव नहीं है।

एफडीपी का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर और बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने संयुक्त रूप से किया। एफडीपी में डा. भारती शर्मा, डा. बी. एस. बिष्ट, डा. वी. बी सिंह, डा. ए. एस. शुक्ला, डा. नवीन बाजपेयी, डा. रूपक, डा. पल्लवी सिंह समेत अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएँ और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

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